अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा ने 14 सितंबर को पीएम मोदी के नाम प्रदेशव्यापी ज्ञापन देने का लिया फैसला
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश सचिवालय के अपर निजी सचिव अमर सिंह पटेल की बर्खास्तगी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अमर सिंह पटेल को न्याय दिलाने के लिए अनेक सामाजिक संगठन लामबंद होने लगे हैं। सरदार सेना के राज्यव्यापी ज्ञापन देने के बाद अब अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा ने भी 14 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम प्रदेशव्यापी ज्ञापन देने का फैसला किया है। अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रदेश महासचिव गिरजेश कुमार पटेल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 11 सितंबर को अमर सिंह पटेल से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
गिरजेश पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा सरकार में कुर्मी कृषक समाज पर लगातार हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को समुचित जवाब देगी।
प्रतिनिधिमंडल में अधिवक्ता परिषद के प्रदेश महासचिव शरद चौधरी, लखनऊ के जिलाध्यक्ष अभिषेक वर्मा, अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष एडवोकेट हरिकेश वर्मा, सर्वेश कुमार वर्मा एवं बलवीर सिंह सचान आदि मौजूद रहे।
सरदार सेना ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा:
उधर, सरदार सेना के मुखिया डॉ.आरएस पटेल के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने 10 सितंबर को उत्तर प्रदेश सचिवालय के अपर निजी सचिव संघ अध्यक्ष अमर सिंह पटेल के बर्खास्तगी को बहाल करने के लिए राज्यपाल को नामित प्रदेश व्यापी ज्ञापन सौंपा।
इनके अलावा दो दिन पहले फतेहपुर में पटेल सेवा संस्थान के बैनर तले पदाधिकारियों ने योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
अपना दल (एस) ने सीएम से पुनर्विचार की अपील की:
अपना दल (एस) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उत्तर प्रदेश सचिवालय के अपर निजी सचिव अमर सिंह पटेल की बर्खास्तगी मामले में मानवीय आधार पर पुनर्विचार की अपील की है। पार्टी प्रवक्ता राजेश पटेल ने कहा कि अमर सिंह पटेल के घर का मुखिया होने की वजह से पूरे परिवार का भरण पोषण एवं बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी खुद अमर सिंह पटेल पर है। ऐसी स्थिति में उनके परिवार के सदस्यों के भविष्य का ध्यान रखते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। अत: अपना दल (एस) का मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि अमर सिंह पटेल जी की बर्खास्तगी जैसी कड़ी सजा पर पुनर्विचार किया जाए।
ये है मामला:
नेशनल जनमत वेबसाइट के मुताबिक गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर हुई नियुक्तियों में सामान्य के पदों पर अकेले 56 परसेंट ठाकुर व 40 परसेंट ब्राह्मणों का चयन हुआ। इन्हीं नियुक्तियों पर सवाल उठाती हुई एक पोस्ट उ.प्र. सचिवालय में अपर निजी सचिव के रूप में तैनात व अपने संघ के 2011 से लगातार अध्यक्ष अमर सिंह पटेल से गलती से व्हाट्सअप ग्रुप में शेयर हो गई।
बता दें कि अमर सिंह पटेल की बर्खास्तगी को लेकर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग में गहरी नाराजगी है। क्योंकि अमर सिंह पटेल प्रदेश के पिछड़ा वर्ग से आने वाले सरकारी कर्मचारियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
विधानसभा में उठ चुका है मामला:
फरवरी 2020 में बजट सत्र के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों के विधायकों ने यह मामला उठाया था। समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, बहुजन समाज पार्टी की महिला विधायक सुषमा पटेल, अपना दल (एस) के विधायक चौ. अमर सिंह ने इस मामले को उठाया था और अमर सिंह पटेल की बहाली की मांग की थी।