40 साल में देश की सबसे खराब स्थिति, विकास दर में 23.9 परसेंट की गिरावट, कृषि को छोड़कर हर क्षेत्र में गिरावट
बलिराम सिंह, नई दिल्ली

कोरोना काल में जब देश की पूरी अर्थव्यवस्था धड़ाम से गिर गई और पिछले 40 साल में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। ऐसी विपरीती परिस्थितियों में भी किसानों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का कार्य किया और कृषि सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 3.4 परसेंट की वृद्धि करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। अर्थात कृषि क्षेत्र में पहले तीन महीनों में 14815 करोड़ रुपए की अतिरिक्त वृद्धि हुई है। लॉकडाउन के दौरान अनेक समस्याएं झेलने के बावजूद किसानों ने देशवासियों का पेट पाला। जबकि ओवरऑल जीवीए में पिछले वर्ष की तुलना में तिमाही में 22.8 प्रतिशत की कमी आई है।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 परसेंट की गिरावट आई है। इस दौरान पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। इसके लिए कम मांग और घटते निजी निवेश को उत्तरदायी माना जा रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि 2020-21 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 26.9 लाख करोड़ रुपए अनुमानित है जो कि वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 35.35 लाख करोड़ रुपए थी। अर्थात 8.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसमें 23. परसेंट की गिरावट देखी जा सकती है। वर्ष 1996 के बाद जीडीपी के तिमाही नतीजों में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है। जबकि पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी में 5.2 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी। कोविड 19 महामारी के दौरान देश की पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है, लेकिन कृषि क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन किया है।

मजे की बात यह है कि जिस देश चीन से कोरोना की शुरूआत हुई, वहां की जीडीपी सकारात्मक रही, जबकि जापान, अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, इटली, फ्रांस, यूके की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट दर्ज की गई। इनसे ज्यादा गिरावट भारत में देखी जा रही है।
लॉकडाउन में किसानों को हुई दिक्कत:
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान देश में लागू लॉकडाउन का खामियाजा किसानों को भी भुगतना पड़ा। रबी की फसल की कटाई एवं बिक्री में दिक्कत का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश जैसे देश के सबसे बड़े राज्य में किसानों को गेंहू की बिक्री में काफी दिक्कत हुई। बावजूद इसके कृषि क्षेत्र में असाधारण विकास देखा गया। गांवों में प्रवासी मजदूरों की वापसी की वजह से कृषि क्षेत्र के तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ा है।
आरबीआई का मानना है कि वर्ष 2019-20 में खाद्यान्न और बागवानी उत्पादन में काफी सुधार हुआ। कृषि क्षेत्र में हुए विकास के लिए इसे भी एक वजह बतायी जा रही है।
क्या होता है जीडीपी:
एक साल में देश में निर्मित सभी सामानों एवं सेवाओं का कुल मूल्य जीडीपी कहलाता है। जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है। इससे देश के विकास की स्थिति का पता चलता है।
कुल जीडीपी नुकसान: – 23.9 परसेंट
क्षेत्र – 2020-21 – 2019-20 (पहली तिमाही)
विनिर्माण : -39.3 परसेंट घाटे में – 3.0 परसेंट लाभ
खनन: -23.3 परसेंट घाटे में- 4.7 परसेंट लाभ
सर्विस: -47 परसेंट घाटे में – 3.5 परसेंट लाभ
भवन निर्माण : -50.3 परसेंट घाटे में – 5.2 परसेंट लाभ
कृषि: प्लस 3.4 परसेंट लाभ में – 3 परसेंट लाभ
अमर उजाला के पत्रकार संतोष कुमार सोशल मीडिया पर लिखते हैं, “भले ही मौका पड़ने पर किसान को मदद न मिले, तिल-तिल मकरने के लिए उसे अकेला छोड़ दिया जाए, लेकिन मुसीबत आने पर देश को बचाएगा किसान ही।”
