यूपी80 न्यूज, आजमगढ़
आजमगढ़ पुलिस व एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में प्रतियोगी परीक्षाओं के साल्वर गैंग के वांछित चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्तों के पास से एक अर्टिका कार, 6 मोबाइल, एक आधार कार्ड, 3 एडमिट कार्ड तथा एक प्रश्न पुस्तिका बरामद हुई है।
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि शिब्ली नेशनल कॉलेज परीक्षा केंद्र में UPCCSCR 2024-25 की परीक्षा संचालित की जा रही थी, जिसमें 4 जनवरी को प्रथम पाली की परीक्षा में कक्ष संख्या 103 में अनूप सागर पुत्र वीरेंद्र कुमार ग्राम मऊपारा, देवकली गाजीपुर शामिल हुआ, उक्त अभ्यर्थी का आधार वेरिफिकेशन प्रक्रिया में KYC अपडेट न हो पाने के कारण डाटा का मिलान नहीं हो पा रहा था। अत: संदेहवश जब पूछा गया तो पहले स्वीकार करने से मना कर दिया एवं स्वयं को अनूप सागर पुत्र वीरेंद्र कुमार बताया। लेकिन जब परीक्षा केंद्र पर तैनात पुलिस बल की सहायता से सख्ती से पूछताछ की गई तो उक्त युवक ने अपना सही नाम विकास कुमार पुत्र राम आसरे प्रसाद निवासी असनिया कुआं, थाना कदम कुआं, पटना, बिहार बताया। अनूप सागर पुत्र वीरेंद्र कुमार के स्थान पर फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा में शामिल विकास कुमार पुत्र राम आसरे प्रसाद ने यह भी बताया कि कुछ पैसों के बदले उसने यह काम किया है। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि पकड़े गये अभियुक्त रामप्रवेश यादव पुत्र सर्वराज यादव निवासी चिताबन पट्टी थाना जमानिया जनपद गाजीपुर ने बताया कि दुर्गेश तिवारी बिहार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठने हेतु साल्वर की व्यवस्था कराता हूँ, जिसमें विक्की कुमार की सहायता से परीक्षार्थियों के आधार कार्ड में फोटो परिवर्तित कराकर साल्वर को बैठने के लिए भेजता हूँ। राम प्रवेश यादव ने यह भी बताया कि वर्ष 2021 के पूर्व से ही नौकरी दिलाने के लिए लोगों को फंसाता था और उनसे डील करके उनके स्थान पर साल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलवाता था। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर साल्वर बैठाकर फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का कार्य हम सभी लोग मिल करते हैं। हमारा एक संगठित गिरोह है।
10 लाख रुपए में होती थी डील:
प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थी के स्थान पर साल्वर को बैठाने के नाम पर लगभग 10 लाख रूपए में डील तय होती थी। इसमें से 2 लाख रूपए परीक्षा देने से पहले तथा शेष रूपए परीक्षा देने के बाद लिए जाते थे। उक्त कार्य में दुर्गेश तिवारी मुख्य भूमिका अदा करते थे। दुर्गेश तिवारी बिहार से साल्वर व फर्जी आधार कार्ड तैयार कराकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने हेतु साल्वर की व्यवस्था करते हैं। उत्तर प्रदेश में रामप्रवेश यादव, सुनील कन्नौजिया, बबलू यादव, श्रवण कुमार यादव, सूर्यकान्त कुशवाहा उर्फ पिन्टू प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए परीक्षार्थियों/कन्डीडेट की तलाश कर उनके साथ डील कर दुर्गेश तिवारी के साथ मिलकर योजना बनाकर फर्जी तरीके से परीक्षार्थियों के स्थान पर साल्वर बैठाने का कार्य किया जाता है। 4 जनवरी को इस मामले में साल्वर विकास कुमार उर्फ राकेश कुमार तथा पांच जनवरी को परीक्षार्थी अनुप सागर पुत्र विरेन्द्र कुमार एवं छ: जनवरी को रामप्रवेश यादव पुत्र सर्वराज यादव नि० चितावन पट्टी थाना जमानिया जनपद गाजीपुर, सुनील कन्नौजिया पुत्र राजनाथ कन्नौजिया नि० चौकिया थाना कोतवाली जनपद गाजीपुर, अंकित गुमा पुत्र चन्द्रशेखर प्रसाद नि० इस्लामपुर थाना इस्लामपुर नालन्दा बिहार (साल्वर), अमित कुमार कन्नौजिया पुत्र मुंशीराम नि० डोरा थाना सादात जनपद गाजीपुर (परीक्षार्थी) को गिरफ्तार किया गया है।
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