किसानों को जमीन बचाने के लिए आंदोलन करना ही होगा, क्रांतिकारियों की धरती बलिया से चौ.राकेश टिकैत ने भरी हुंकार
अशोक जायसवाल, बलिया
अपनी भूमि को बचाने के लिए किसानों को आंदोलन करना ही होगा। बलिया सिर्फ क्रांति ही नहीं, एक विचारधारा का भी नाम है। इसी भूमि ने मंगल पांडेय व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जैसे बेटो को जन्म दिया है। क्रांति की शुरुआत भी इसी धरती से हुई थी। यह विचार बलिया के सिकन्दरपुर स्थित चेतन किशोर मैदान में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 2021 का वर्ष आंदोलन का वर्ष होगा। यदि किसानों को अपनी जमीन बचानी है तो आपको आंदोलन करना ही होगा तथा इसे मजबूती के साथ पूरे देश में चलाना होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित किसान मजदूर महापंचायत को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि श्री टिकैत ने कहा कि आज देश का किसान बर्बाद हो चुका है तथा अपने आपको जिसको बचाने के लिए वह पूरे देश में आंदोलनरत है। उन्होंने कहा कि किसान उसी पंचायत में शामिल होंगे जिसके बैठक का नाम किसान महापंचायत के नाम से होगा। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि अगर आपको एमएसपी लेनी है तो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना होगा। किसानों के नेता ने कहा कि इस किसान आंदोलन को कभी पंजाब, हरियाणा तो कभी खालिस्तान का आंदोलन बताया जाता है। मगर सच यही है कि यह किसानों का आंदोलन है।
किसान भूमिहीन हो जाएंगे:
राकेश टिकैत ने कहा कि आने वाले समय में कांट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से बड़ी-बड़ी कंपनियां आएंगी तथा वह आपको पूरी तरह भूमिहीन बना देंगी। महापंचायत को डॉ मदन राय, पुरूषोत्तम शर्मा, रामाशीष राय, शिवनारायण यादव, बसंत कुमार सिंह, रियाज अहमद, ओमप्रकाश गुप्ता आदि किसान नेताओं ने संबोधित। किया। किसान मजदूर महापंचायत की अध्यक्षता अजीत कुमार राय तथा संचालन श्रीराम चौधरी ने किया।