लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान धर्मेंद्र यादव ने वोटों की गिनती में हेराफेरी का आरोप लगाया था
यूपी80 न्यूज, प्रयागराज
पिछड़ी जातियों को सहेजने के लिए अखिलेश यादव ने आगे बढ़ कर एक और पहल की है। अखिलेश यादव के छोटे भाई धर्मेंद्र यादव ने पिछली योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर चुनावी याचिका वापस ले ली है। स्वामी प्रसाद मौर्य फिलहाल सपा में हैं और पिछले दिनों अखिलेश यादव ने उन्हें विधान परिषद भेजा है। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा फिलहाल बदायूं से भाजपा सांसद हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 में सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को हराकर स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा मौर्य बीजेपी के टिकट पर बदायूं लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुई थीं। हार की वजह से धर्मेंद्र यादव तीसरी बार सांसद बनने से चूक गए। इसे लेकर धर्मेंद्र यादव ने आरोप लगाया था कि मतों की गिनती में अधिकारियों ने हेराफेरी की है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के ऐन मौके पर स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे। सपा ने उन्हें कुशीनगर के पड़रौना सीट से चुनाव लड़ाया, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद विधान परिषद चुनाव के दौरान सपा प्रमुख ने अपने कोटे से स्वामी प्रसाद मौर्य को विधान परिषद भेजा और अब पिछड़ा वोट बैंक सहेजने की रणनीति पर चलते हुए धर्मेंद्र यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य के खिलाफ दायर याचिका भी वापस ले ली है। सपा की इस पहला का मौर्य, कुशवाहा व सैनी सहित पिछड़ी जातियों में बड़ा संदेश जाएगा।