यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रदेश में बिजली दरों में 23 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को नियामक आयोग द्वारा स्वीकार करने और रसोई गैस के सिलेंडर के दामों में वृद्धि के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी द्वारा पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किये गये। सीपीआई एम ने आज के प्रदर्शन के अवसर पर दिये गये ज्ञापनों में कहा कि केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकारों को आम आदमी, गरीबों, किसानों, मजदूरों की कोई परवाह नहीं है। उन्होने पहले से ही खाने पीने की वस्तुओं पर जीएसटी लगाकर उन्हें महंगा कर दिया है और अब बिजली तथा रसोई गैस के दामों में बढोत्तरी कर उनका जीवन कष्टमय कर दिया है।
गरीबों को मिलने वाली सभी सहूलतों को धीरे-धीरे ये सरकारें खत्म कर रही हैं, राशन पर मिलने वाला मिट्टी का तेल अब गायब है, किसानों के नलकूपों पर मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे उनकी लागत बढ़ जायेगी। लोगों की आय में लगातार कमी हो रही है, जिसके चलते वह महंगे गैस सिलेंडर नहीं खरीद पा रहे हैं। पार्टी ने सरकार से बिजली दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्तावों को रद्द करने और रसोई गैस के दामों में बढ़ोत्तरी को वापस लेने तथा खाने-पीने की वस्तुओं पर से जीएसटी हटाने की मांग की है।
आज प्रदर्शन के बाद मांगों को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन विभिन्न जिला प्रशासन को सौंपे गये। बिजली के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों के आंदोलन का सीपीआईएम उत्तर प्रदेश पूर्ण समर्थन किया है। सीपीआई एम उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मंडल ने इस संदर्भ में जारी बयान में कहा है कि बिजली कर्मचारियों का आंदोलन ना केवल कर्मचारियों बल्कि आम जनता के हितों के लिए भी है। सीपीआई एम राज्य सचिव मंडल ने सरकार से बिजली कर्मचारियों की मांगें तुरंत मानने की की अपील की।