बसपा विधायक सुषमा पटेल ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखा पत्र, कहा- आरक्षण के नियमों का हो रहा उल्लंघन
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
सामाजिक न्याय की मसाल को इन दिनों अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाएं थामी हुई हैं। कभी अनुप्रिया पटेल Anupriya Patel के तौर पर सामाजिक न्याय की गूंज लोकसभा में गूंजती है तो कभी विधानसभा में यह गूंज सुषमा पटेल Sushma Patel के तौर पर सुनाई देती है। हालांकि यह दीगर बात है कि वर्तमान में सत्ता पक्ष की पार्टी के प्रदेश मुखिया और उपमुख्यमंत्री दोनों सामाजिक न्याय के नाम पर ही उच्च पद पर विराजमान हैं। जौनपुर की मुंगरा बादशाहपुर से बसपा BSP विधायक सुषमा पटेल ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्र लिखकर प्रदेश में प्रतिनियुक्ति के आधार पर होने वाली खंड विकास अधिकारी (BDO) की भर्ती को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इस भर्ती अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों का नुकसान होगा। इससे पूर्व सुषमा पटेल Sushma Patel इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत कर चुकी हैं।

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सुषमा पटेल ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश सरकार ने खंड विकास अधिकारी के 336 पद प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरने का निर्णय लिया है। जबकि खंड विकास अधिकारी का पद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा के माध्यम से भरा जाने वाला पद है, जिसमें राज्य सरकार की आरक्षण नीति के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 परसेंट आरक्षण का प्रावधान है।
सुषमा पटेल ने यह भी कहा है कि यदि इन पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरा जाएगा तो उसमें आरक्षण नीति लागू नहीं होगी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को प्राप्त संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। उन्होंने यह भी कहा है कि पूर्व में वर्ष 2016 (अखिलेश सरकार) में नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी के पद पर इसी प्रकार की प्रतिनियुक्ति की गई और अनियमितता की गई।
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