केके वर्मा, लखनऊ
योगी सरकार Yogi Govt की ओर से विधान परिषद MLC में छह सदस्यों को मनोनीत करने के प्रस्ताव को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी मिलते ही बीजेपी की उच्च सदन में बल्ले बल्ले हो गई। सौ सीटों के उच्च सदन में 80 पर बीजेपी का कब्जा हो गया है।
गवर्नर की मंजूरी के साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.तारिक मंसूर, पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार साकेत मिश्र, उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल, काशी के भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष रहे रजनीकांत माहेश्वरी और आजमगढ़ के रामसूरत राजभर एमएलसी हो गए। इसके साथ ही विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। अब 100 सदस्यीय विधान परिषद में योगी सरकार की ताकत में और इजाफा हो गया है। सरकार विधान परिषद में विपक्ष के विरोध के बाद भी अपने सभी फैसलों को पारित कर सकेगी।
जातीय समीकरण का विशेष ध्यान:
विधान परिषद के लिए नामित हुए छह एमएलसी में से एक प्रो.तारिक मंसूर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हैं। प्रो.तारिक मंसूर की पहचान उदारवादी मुस्लिम विद्वान के तौर पर है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में एएमयू के शताब्दी समारोह को संबोधित किया था। पसमांदा मुसलमानों के बीच पैठ बनाने में जुटी भाजपा ने प्रो.मंसूर को उच्च सदन में भेजकर विरोधियों के साथ मुस्लिमों को भी चौंकाया है।
वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा प्रशासनिक अधिकारी की पृष्ठभूमि से राजनीति में आए हैं। कई इंटरनेशनल बैंकों में काम किया है। उन्हें विधान परिषद के जरिए योगी सरकार यूपी की राजनीति में फिट कर रही है। 1994 के सिविल सर्विसेज परीक्षा में मिश्रा ने सफलता दर्ज कर आईपीएस बने, लेकिन बाद में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। अब वह यूपी में राजनीति करेंगे। पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रजनीकांत माहेश्वरी वैश्य समाज से ताल्लुक रखते हैं। रजनीकांत माहेश्वरी को उच्च सदन भेजकर पार्टी ने अपने पुराने कार्यकर्ता को सम्मान पूर्वक समायोजित किया है। माहेश्वरी ने छह साल भाजपा के ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष की भूमिका निभाई।
उधर, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के सियासी पैंतरों से निपटने के लिए भाजपा ने रामसूरत राजभर को एमएलसी का ओहदा देकर राजभर समुदाय को तवज्जो दी है। रामसूरत राजभर अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं। पूर्वांचल की राजनीति के चलते उन्हें एमएलसी बनाया गया है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी रहे हंसराज विश्वकर्मा काशी के भाजपा जिलाध्यक्ष हैं। प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के संगठनात्मक दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने का उन्हें पुरस्कार मिला है।
सबसे खास बात, भाजपा के दलित चेहरे के रूप में पहचान बनाने वाले लालजी निर्मल आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष होने के साथ ही राजधानी में निर्माणाधीन डॉ.भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं संस्कृति केंद्र की प्रबंध समिति के अध्यक्ष हैं। योगी सरकार ने उन्हें उप्र अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष पद का ओहदा दिया है। वे भी अब एमएलसी बन गए हैं।