यूपी80 न्यूज, बेल्थरारोड
बलिया जनपद के बेल्थरा रोड में शुक्रवार को समीर कुमार उर्फ मंटू का शव जैसे ही लखनऊ से उसके पैतृक आवास पहुंचा, पूरे इलाके में कोहराम मच गया। शव पहुंचने की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर जुट गए। हर आंख नम थी और माहौल गमगीन नजर आया।

मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। हालांकि भारी भीड़ के बावजूद मौके पर फिलहाल शांति बनी रही। परिजन अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे हुए थे, लेकिन लोगों के बीच मंटू की हत्या को लेकर चर्चाएं तेज रहीं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंटू की मौत सामान्य नहीं है और यह पूरी तरह से सोची-समझी हत्या का मामला है। लोगों में घटना को लेकर आक्रोश तो है, लेकिन फिलहाल वे संयम बरतते नजर आए। वहीं प्रशासन और पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

मंटू की हत्या ने एक बार फिर बेल्थरा रोड क्षेत्र की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। लोगों की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है, लेकिन मंटू की मौत ने क्षेत्र में दहशत और असुरक्षा का माहौल जरूर पैदा कर दिया है।
मंटू की मां को न्याय दिलाने के लिए नगरवासियों ने दिया धरना
बेल्थरारोड
लखनऊ से बेल्थरा रोड पहुंचने के पांच घंटे के बाद भी उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। इस दौरान विभिन्न दल के नेताओं द्वारा वहां धरना दिया गया। धरना स्थल पर बेल्थरा रोड एसडीएम के साथ पहुंचे मधुबन एसडीएम दीपक सिंह से धरनारत नेताओं ने बातचीत की। धरने पर बैठे लोगों में सपा के जिला महासचिव बीरबल राम, बसपा नेता विनोद सेहरा, जनार्दन यादव, राघवेन्द्र, समाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र कुमार डीके, छात्र नेता दुर्गेश अम्बेडकर, अरुण कुमार संगम, हरे राम यादव, रोहित सहित अन्य शामिल रहे। वार्ता के पश्चात मृतक मंटू की मां ने जिलाधिकारी को सम्बोधित पत्रक उपजिलाधिकारी मधुबन दीपक सिंह को सौंपा।

मंटू की मां रामावती देवी पत्नी स्व. राम अबध निवासी वार्ड नंबर-2 आज़ाद नगर का कहना है कि उनका पुत्र समीर कुमार उर्फ मंटू को बीते 25 नवंबर 2025 की रात लगभग एक बजे रामपुर थाना क्षेत्र के मयारी कल्याणपुर स्थान पर कुछ लोगों द्वारा जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया गया। आरोप है कि हमलावरों ने मारपीट के साथ गला दबाकर हत्या का प्रयास किया और उसे मृत समझकर छोड़कर फरार हो गए।
घायल अवस्था में समीर कुमार उर्फ मंटू को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह करीब 22 दिनों तक जीवन और मौत से जूझता रहा। अंततः 18 दिसंबर 2025 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना की रिपोर्ट पहले ही थाना रामपुर में दर्ज कराई जा चुकी थी।
पीड़िता ने बताया कि वह गरीब व असहाय परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके पति का पहले ही निधन हो चुका है। पुत्र ही परिवार का एकमात्र सहारा था। इलाज में भारी खर्च के चलते परिवार आर्थिक संकट में डूब गया है।
प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने प्रशासन से मांग की है कि
मृतक के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए,
घटना को हत्या मानते हुए आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए,
नामजद आरोपियों की निष्पक्ष जांच कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए,
मामले में लापरवाही बरतने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
पीड़ित ने शासन से भूमि मुहैया कराने की भी मांग की है।
इस सम्बन्ध में एसडीएम मधुबन ने उनके पत्रक को शासन तक पहुंचाकर उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर एसडीएम शरद चौधरी, सीओ रसड़ा आलोक कुमार गुप्ता, तहसीलदार मधुबन सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।








