विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 4 गुना फीस वृद्धि का हो रहा है विरोध
यूपी80 न्यूज, प्रयागराज
इलाहाबाद विश्वविद्यालय Allahabad University में चार गुना फीस वृद्धि के मुद्दे पर छह दिनों से आमरण अनशन death strike कर रहे छात्रों का स्वास्थ्य विगड़ने लगा है। छात्रों के बिगड़ते स्वास्थ्य पर युवा मंच Yuva Manch ने चिंता जताई है। मंच के पदाधिकारियों ने इस मामले में हस्तक्षेप के लिए राष्ट्रपति से अपील की है।.
युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि इविवि प्रशासन व कुलपति द्वारा छात्रों से वार्ता न करना संवेदनहीन व अड़ियल रवैये का परिचायक है। उन्होंने कहा कि जब कुलपति व इविवि प्रशासन द्वारा फीस बढ़ोत्तरी के फैसले को जायज बताया जा रहा है तब छात्रों से वार्ता व व्यापक चर्चा से इंकार क्यों ! छात्रों के तेजी से बिगड़ रहे स्वास्थ्य के मद्देनजर युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को पत्र प्रेषित कर हस्तक्षेप की अपील की है। पत्र में बताया गया है कि छात्रों का स्वास्थ्य बेहद चिंताजनक है, प्रशासन के रवैया को बेहद गैरजिम्मेदाराना व संवेदनहीन होने का भी आरोप लगाया गया है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस मामले में केंद्र सरकार की नीति में भारी विरोधाभास है, एक ओर सरकार शिक्षा बजट बढ़ाने और जीडीपी का 6 फीसदी तक खर्च करने की वकालत कर रही है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालयों के बजट में कटौती करने के दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। वास्तव में अगर इस नीति पर अमल किया गया तो आईआईटी व आईआईएम जैसे संस्थाओं की तरह ही विश्वविद्यालयों में भी अध्ययन बेहद खर्चीला हो जायेगा और आम मध्यम वर्गीय परिवार के छात्रों का भी प्रवेश ले पाना मुश्किल हो जायेगा।

युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि उच्च शिक्षा समेत शिक्षा के लिए संसाधनों को जुटाने के लिए कारपोरेट घरानों पर टैक्स लगाया जाना चाहिए, न कि फीस बढ़ोत्तरी कर इसका भार आम जनता पर डाला जाये। मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। इसे बाजार के हवाले कर कारपोरेट्स की मुनाफा कमाने का जरिया बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।