यूपी80 न्यूज, लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार के इशारे पर लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की धज्जियां उड़ायी गयी। भाजपा और प्रशासन ने कई जगहों पर फर्जी वोटिंग की और जमकर धांधली की।
अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया। भाजपा ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के गुण्डों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया।
श्री यादव ने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में कई बूथों पर प्रशासन और बीएलओ ने फर्जी मतदान कराया। भाजपा के सत्ता संरक्षित लोगों ने बाहर से गुण्डों को बुलाकर फर्जी वोटिंग करवाई। बूथ संख्या 158 पर एसडीएम द्वारा खुद बूथ कैप्चरिंग की शिकायत चुनाव आयोग से की गई। आयोग से मामले को संज्ञान में लेकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया। भाजपा के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है। अकेले एक व्यक्ति ने 6 वोट डाल दिये। फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने स्वयं पकड़ा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि भाजपा सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त है। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए चुनाव आयोग से शिकायत की कि कुछ बूथों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार एवं चौकी प्रभारी खंडासा अनुराग पाठक व पीठासीन अधिकारी ने मिलकर मतदान को प्रभावित किया। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में कई मतदान केन्द्रों पर समाजवादी पार्टी के एजेंटों को या तो बाहर कर दिया गया या एजेन्ट ही नहीं बनाया गया। ज्यादातर बूथों पर ईवीएम खराब होने की शिकायतें मिली। ईवीएम तो कई जगह खराब रही परन्तु कुटिया अमानीगंज की 2 घंटे से ज्यादा मशीन खराब रही और मतदान बाधित रहा। पर्ची के बावजूद कई जगहों पर मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर उनकी पहचान करने के बहाने उन्हें भयभीत और अपमानित किया गया।