कृषि कानूनों का हो रहा विरोध; एससी-एसटी आयोग UP SC/ST Commission, ओबीसी आयोग State Commission for backward classes, पिछड़ा मोर्चा BJP OBC Cell इन सभी के अध्यक्ष पश्चिम से बनाए गए हैं
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
किसान आंदोलन Farmers protest, जाटों Jat व गुर्जरों Gurjar को नजरअंदाज करने की वजह से पश्चिम में खोती जमीन को वापस पाने के लिए बीजेपी अब अति पिछड़ों और दलितों पर दाव लगा रही है। हाल ही में भाजपा ने एससी-एसटी आयोग UP SC/ST Commission और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग State Commission for Backward Classes के चेयरमैन का पद पश्चिम की झोली में डाला है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग मोर्चा BJP OBC Cell के अध्यक्ष का पद भी पश्चिम के खाते में गया है।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गहरी नाराजगी है। इसके अलावा मार्शल कौम कही जाने वाली पश्चिम की जाट और गुर्जर बिरादरी को केंद्र व प्रदेश में उचित प्रतिनिधित्व न देने का भी असर पश्चिम में देखा जा रहा है। पश्चिम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक का विरोध गांवों में हो रहा है। चूंकि प्रदेश की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी भी पश्चिम में रहती है। इसके अलावा पश्चिम में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का गठबंधन एवं भीम आर्मी द्वारा भाजपा का लगातार हो रहे विरोध को देखते हुए भाजपा धुव्रीकरण एवं अति पिछड़ों के अलावा गैर जाटव समाज को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
पढ़ते रहिए www.up80.online दो साल बाद भाजपा को आई पिछड़ों की याद, जसवंत सिंह सैनी बने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष
पश्चिम को दी जा रही तरजीह:
आयोगों में प्राथमिकता:
बता दें कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का चेयरमैन सहारनपुर निवासी जसवंत सिंह सैनी को बनाया गया है। इनके अलावा पश्चिम से 7 अन्य सदस्यों को आयोग में शामिल किया गया है।
इसी तरह उत्तर प्रदेश एससी-एसटी आयोग का अध्यक्ष भी आगरा के डॉ.राम बाबू हरित को बनाया गया है। इनके अलावा संभल की साध्वी गीता प्रधान, अलीगढ़ के ओमप्रकाश नायक, मथुरा के श्याम अहेरिया, को भी टीम में शामिल किया गया है।
बता दें कि पेशे से चिकित्सक डॉ.रामबाबू हरित आगरा के डिप्टी मेयर एवं आगरा पश्चिम से तीन बार विधायक रह चुके हैं। राजनाथ सिंह सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रहे। इन्होंने 1989 में भाजपा से सभासद से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।
मोर्चों में भी प्राथमिकता:
इसी तरह पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष गाजियाबाद निवासी पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप एवं युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष फरूर्खाबाद के प्रांशुदत्त द्विवेदी को बनाया गया है। निषाद समाज से आने वाले नरेंद्र कश्यप दो बार बसपा से विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा 2010-2016 तक राज्य सभा सांसद रहें। नरेंद्र कश्यप लगातार पिछड़ा वर्ग की आवाज उठाते रहे हैं। इनके अलावा बुलंदशहर निवासी अमित बाल्मीकि को पार्टी का प्रदेश मंत्री बनाया गया है।
नोएडा निवासी किसान नेता दुष्यंत नागर कहते हैं,
“पश्चिम में भाजपा अपनी जमीन खो चुकी है। ओबीसी की प्रमुख जातियां कृषि कार्य करती हैं और इन समाज के लोग पिछले 8 महीने से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर धरना पर बैठे हैं। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इन्हें नजरअंदाज कर रही है। पश्चिम का हर वर्ग का किसान कृषि कानून का विरोध कर रहा है। इसके अलावा पिछले दिनों निकाली गई भर्तियों में भी दलित व पिछड़ा वर्ग के युवाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दी गई। केंद्र व प्रदेश की कैबिनेट में भी पिछड़ी जातियों को नजरअंदाज किया गया है। ऐसे में इसका खामियाजा तो भाजपा को भुगतना पड़ेगा। भाजपा को इसका आभास हो गया है, इसलिए आईवाश कर रही है।”
पढ़ते रहिए www.up80.online यदि ओबीसी की जाति-जनगणना नहीं हुई तो 2021 की जनगणना का होगा विरोध: ओबीसी महासभा