कुर्मी जाति से आते हैं आरसीपी RCP Singh, बेनी प्रसाद वर्मा Beni Prasad Verma के कहने पर नीतीश कुमार Nitish Kumar ने बनाया था निजी सलाहकार
यूपी80 न्यूज, पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने करीबी पटेल आरसीपी सिंह RCP Singh को अपना उत्तराधिकारी बनाने का संकेत दे दिया है। हालांकि इसकी अधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन पिछले दिनों जनता दल यू की राष्ट्रीय बैठक में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह के नाम का संकेत दे दिया।
बता दें कि बिहार Bihar की कमान 7वीं बार संभालने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 69 साल के हो चुके हैं। नीतीश कुमार फिलहाल मुख्यमंत्री के अलावा जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में नीतीश कुमार ने कहा था- अंत भला तो सब भला, ये अंतिम चुनाव है। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि वो अंतिम चरण का चुनाव था, इसलिए ऐसा कहा था।
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लेकिन बढ़ती उम्र और बिहार का मुखिया होने के नाते नीतीश कुमार पर काम का बोझ बढ़ गया है। ऐसे में जनता दल (यू) की कमान अब आरसीपी सिंह संभालेंगे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव की रणनीति बनाने के लिए पिछले दिनों बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता आरसीपी सिंह ने की थी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री बैठक में देर से पहुंचे। समापन भाषण में नीतीश कुमार ने साफ तौर से कहा कि उनके बाद आरसीपी सिंह ही पार्टी का सारा काम देखेंगे। बता दें कि नीतीश कुमार ने अपने परिवार को राजनीति से काफी दूर रखा, पिछले काफी समय से पार्टी में नंबर दो की लड़ाई जदयू के लोकसभा में नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच चल रही थी। लेकिन नीतीश कुमार की घोषणा के बाद अब अटकलों पर विराम लग गया है।

आरसीपी सिंह ही क्यों?
अब सवाल ये है कि नीतीश कुमार ने महज कुछ साल पहले नौकरशाही से राजनीति में पदार्पण करने वाले आरसीपी सिंह को ही अपना वारिस बनाए जाने का संकेत क्यों दिया है। आरसीपी सिंह सदैव साये की तरह नीतीश कुमार के साथ रहते हैं। कहा जाता है कि बिहार में शायद ही कोई फैसला हो, जो नीतीश कुमार ने बिना आरसीपी सिंह की सलाह के लिया हो। चुनावों में रणनीति तय करना, प्रदेश की अफसरशाही को कंट्रोल करना, सरकार की नीतियां बनाना और उनको लागू करने जैसे सभी कामों का जिम्मा उनके कंधों पर है। इसलिए उन्हें ‘जेडीयू का चाणक्य’ भी कहा जाता है। और यही वजह है कि नीतीश उन्हें अपने उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहे हैं।
25 साल पुराना है संबंध:
जानकारों का कहना है कि आरसीपी सिंह का राजनीतिक करियर भले ही एक दशक पुराना हो, लेकिन नीतीश कुमार के करीब वह पिछले 25 सालों से हैं। नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं। दोनों कुर्मी बिरादरी से आते हैं। आरसीपी सिंह का जन्म 6 जुलाई 1958 को नालंदा जिले के मुस्तफापुर में हुआ था। इनके पिता स्वर्गीय सुखदेव नारायण सिंह और माता का नाम स्वर्गीय दुखलालो देवी है। आरसीपी सिंह की शुरूआती शिक्षा नालंदा और पटना साइंस कॉलेज से हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्थित जेएनयू से पढ़ाई की और उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी बने। आरसीपी यूपी में रामपुर, बाराबंकी, हमीरपुर और फतेहपुर के जिलाधिकारी रह चुके हैं।

बेनी प्रसाद वर्मा के कहने पर नीतीश कुमार ने निजी सचिव बनाया:
यूपी में बाराबंकी का जिलाधिकारी होने के दौरान आरसीपी सिंह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा के करीब आए। देवगौड़ा सरकार में केंद्रीय दूर संचार मंत्री बनाए जाने के दौरान बेनी प्रसाद वर्मा ने आरसीपी सिंह को अपना निजी सचिव बनाया। बाद में जब नीतीश कुमार रेल मंत्री बने तो बेनी प्रसाद वर्मा ने उनसे आरसीपी सिंह का परिचय कराया और उन्हें अपने साथ रखने का सुझाव दिया। बेनी बाबू के कहने पर नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को अपना निजी सचिव बनाया। बाद में जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी सिंह को अपना प्रधान सचिव बनाया। फिर उन्हें राजनीति में ले आए और अब उन्हें राज्यसभा का सांसद बना दिया। फिलहाल रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) राज्यसभा में संसदीय दल के नेता हैं।
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