कृषि बिलों का पास होना संसद के इतिहास में दुर्भाग्यपूर्ण घटना: चौ. राकेश टिकैत
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में संसद में पारित किए गए तीन कृषि बिलों के विरोध में किसानों ने जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया गया एवं ज्ञापन दिया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.राकेश टिकैत ने कृषि बिलों के पास होने पर देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ 25 सितंबर को पूरे देश का किसान इन बिलों के विरोध में सड़क पर उतरेगा।
मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने को सम्बोधित करते हुए चौ0 राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बहुमत के नशे में चूर है। देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का अधिकार दिया गया। यह भारत के लोकतंत्र के अध्याय में काला दिन है। आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है। जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा। मण्डी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मण्डी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी।

भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि सरकार धीरे-धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी। किसान को बाजार के हवाले छोड़कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता। इसके परिणाम पूर्व में भी विश्व व्यापार संगठन के रूप में मिले हैं। भारतीय किसान यूनियन इस हक की लडाई को मजबूती के साथ लडे़गी। सरकार अगर हठधर्मिता पर अड़िग है तो किसान भी पीछे हटने वाला नहीं है। 25 तारीख को पूरे देश का किसान इन बिलों के विरोध में सड़क पर उतरेगा। जब तक कोई समझौता नहीं होगा तब तक पूरे देश का किसान सड़कों पर रहेगा।
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