आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा
वाराणसी-गोरखपुर की दूरी में 60 किमी की आएगी कमी, एक घंटा की होगी बचत
दोहरीघाट, लखनऊ, 18 जुलाई
पूर्वांचल में गोरखपुर-मऊ जनपद को जोड़ने के लिए एक और रेल मार्ग खोले जाने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। गोरखपुर के सहजनवां- दोहरीघाट के बीच 81 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के निर्माण से वाराणसी और गोरखपुर के बीच की दूरी में 60 किमी की कमी आ जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस मेगा परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना के निर्माण में लगभग 1319.75 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। परियोजना को वर्ष 2023-24 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पूर्वांचलवासियों का मानना है कि इस परियोजना के पूरा होने से मऊ, गोरखपुर, आजमगढ़ के लगभग एक करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा गोरखपुर और वाराणसी के बीच एक नया रेलमार्ग शुरू होगा। अब तक वाराणसी से औड़िहार, मऊ, बेल्थरा रोड, देवरिया होते हुए अधिकांश ट्रेन गोरखपुर जाती हैं। लेकिन इस मार्ग के शुरू होने से यात्री वाराणसी से मऊ, घोसी, दोहरीघाट, बड़हलगंज, सहजनवा होते हुए गोरखपुर पहुंचेंगे। इससे जहां 60 किमी की कमी आएगी, वहीं यात्रा में एक घंटा समय भी बचेगा। इसके अलावा छपरा से लखनऊ तक के लिए विकल्प के तौर पर एक नया मार्ग भी मिलेगा।
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चार स्टेशन निर्मित होंगे:
नई रेलवे लाइन बिछाने का सर्वे हो चुका है। सहजनवां से दोहरीघाट के बीच चार स्टेशन बनाए जाएंगे।
पहले इस परियोजना के लिए 743 करोड़ खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन देरी की वजह से बजट बढ़कर 1319.75 करोड़ रुपए हो गया।
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क्या कहते हैं क्षेत्र के लोग:
सर्जरी मैन के तौर पर प्रसिद्ध रामरती अस्पताल के चेयरमैन एवं भाजपा स्वास्थ्य चिकित्सा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ.एचएन पटेल का कहना है कि इस रेल लाइन के निर्माण से तीन जिलों आजमगढ़, मऊ, गोरखपुर के लोगों को राहत मिलेगी। गोरखपुर में निर्मित हो रहे एम्स में इलाज के लिए यात्रियों को राहत मिलेगी। साथ ही वाराणसी से गोरखपुर के बीच आवागमन और तेज हो जाएगा।
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रौनापार निवासी एवं समाज सेवक नागेंद्र सिंह का कहना है कि यह परियोजना पिछले काफी समय से लंबित है। समय से पूरा हो जाए तो हमलोगों को काफी राहत मिलेगी। फिलहाल मऊ एवं आजमगढ़ के लोगों को गोरखपुर जाने के लिए एक मात्र बस ही साधन है।











