यूपी80 न्यूज, लखनऊ
69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग कर रहे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से उनके कार्यालय में मुलाकात की औऱ एक ज्ञापन सौंपा।
अभ्यर्थियों ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में व्यापक स्तर पर आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई। जिसकी वजह से दलित- पिछड़े समाज के हज़ारो अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित हो गये। अभ्यर्थियों ने कहा कि भर्ती का यह विवादित मामला माननीय हाईकोर्ट में गया था। वहाँ से आरक्षित (पिछड़ा दलित) वर्ग के अभ्यर्थियों को जीत मिली है लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट चला गया। जिसकी सुनवाई 21 जुलाई को होनी है।
अभ्यर्थियों ने उनसे निवेदन किया कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुए इस प्रकरण पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर निस्तारण कराए जाने का आग्रह करें। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभ्यर्थियों की बात सुनने के बाद उन्होंने उक्त प्रकरण पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर निस्तारण कराए जाने का आग्रह करने का आश्वासन अभ्यर्थियों को दिया है।
यह जानकारी अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद दी। अमरेंद्र पटेल ने बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन 2018 में किया गया था। उनका आरोप है कि ओबीसी को मिलने वाला 27 प्रतिशत और एससी वर्ग को मिलने वाला 21 प्रतिशत आरक्षण इस भर्ती में नहीं दिया गया। बताया कि जब इसकी जाँच हुई तो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाई कोर्ट का ऑर्डर सभी उनके पक्ष में हैं। लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा और हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। अभ्यर्थियों की मांग है कि होने वाली अगली सुनवाई पर सरकार अपना पक्ष रखे। जिससे यह मामला जल्द निस्तारित हो सके।