यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
भारत कृषि प्रधान देश है, किसान देश की रीढ़ है। हमारी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार खेती है। लेकिन पिछले दस वर्षों से देश के अन्नदाताओं को वाजिब हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। किसान भी तो हमारे देश के निर्माता हैं। किसी देश के विकास में उद्योग धंधों के साथ कृषि का भी विशेष योगदान होता है। मोदी सरकार ने एक तरफ जहां किसानों के ऊपर तीन काले कृषि कानून थोपने की असफल कोशिश की, वहीं दूसरी तरफ किसानों के साथ समर्थन मूल्य के नाम पर धोखा भी दिया। यह बातें आज अपने वाराणसी के लहुराबीर स्थित आवासीय कार्यालय में मीडिया से मुखातिब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने पत्रकारों के समक्ष कहीं।
श्री राय ने कहा कि आज भी अन्नदाता अपने हक के लिए संघर्ष कर रहा है और अपनी जान गंवा रहा है, शहादत दे रहा है, लेकिन केंद्र की निरंकुश मोदी सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। हद तो तब हो जाती है जब मोदी की प्रिय सांसद कंगना रनौत ने अपने एक वक्तव्य में देश के अन्नदाताओं द्वारा पिछले वर्ष काले कानूनों के खिलाफ किए गए धरना प्रदर्शन को अपमानित करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में रेप हो रहे थे और लाशें टांगी जा रही थी। वस्तुतः देखा जाए तो यह सिर्फ कंगना रनौत का वक्तव्य नहीं, बल्कि एक सांसद के तौर पर पूरी सरकार का वक्तव्य माना जायेगा। श्री राय ने कहा कि कंगना रानौत ने अपने बयान से पूरे देश के किसानो को गाली दी। जिस किसान आंदोलन में लगभग साढ़े सात सौ निर्दाेष किसान भाईयों ने अपनी शहादत दी, उस आंदोलन को इस तरह अपमानित करना और किसान भाईयों के इस पूरे संघर्ष को गाली देना, किसान भाईयों को ही नहीं बल्कि समूचे देश को गाली देने जैसा है।
अजय राय ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मांग करता हूं कि वे कंगना रानौत को उनके इस गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक बयानबाजी के लिए पार्टी से निष्कासित करें, उनके बयान से किनारा करने या फिर उनका व्यक्तिगत मत कह देने भर से काम नहीं चलेगा। हम सब किसान पुत्र हैं और कंगना रनौत का यह बयान हम सबके लिए गाली के समान है।