यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी में मची अंदरूनी कलह सामने आ रही है, जिसको लेकर लखनऊ से दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. बीजेपी की आपसी खटपट के बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मानसून ऑफर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा- ” मानसून ऑफर- 100 लाओ, सरकार बनाओ।”
ऐसा नहीं है कि अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को पहली बार ऑफर दिया है। केशव मौर्य जब- जब अपनी पार्टी से, नेताओं से नाराजगी जताते हैं तब -तब अखिलेश उन्हें ऑफर दे देते हैं। अखिलेश ने एक बार कहा था कि वे 100 विधायक ले आएं तो समाजवादी पार्टी उन्हें सरकार बनाने में समर्थन करेगी। जब बीजेपी में अंदरूनी विवाद की खबर आई तो अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में यूपी में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है. इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है. जनता के बारे में सोचने वाला भाजपा में कोई नहीं है।
अखिलेश यादव के इस बयान पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि देश और प्रदेश दोनों जगहों पर भाजपा की मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का पीडीए धोखा है. उन्होंने दावा किया था कि यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है और भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।
बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी के नेताओं की कलह सामने आई। डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अति आत्मविश्वास ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा था, 2014 और उसके बाद के चुनावों में बीजेपी के पक्ष में जितने प्रतिशत वोट थे, बीजेपी 2024 में भी उतने ही वोट हासिल करने में सफल रही है, लेकिन वोटों की शिफ्टिंग, अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य को दिल्ली बुलाया था। सूत्रों की मानें तो उनसे कहा गया है कि यूपी में सरकार और संगठन साथ काम करे। काम होना चाहिए और बयानबाजी नहीं, जिससे जनता में मैसेज जाए कि अंदरूनी कलह नहीं है।
यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली तलब किया गया था। भूपेंद्र चौधरी ने यूपी में हार की समीक्षा पार्टी नेतृत्व को सौंप दी है। 15 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में उन्होंने यूपी में पार्टी की हार के कारण बताए हैं। बीजेपी का फोकस अब यूपी में होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव पर है। पार्टी इसके लिए तैयारियों में जुटी है। इसके लिए सीएम योगी ने उन कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिन्हें इन विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है।