अनूप कुमार सिंह, बाराबंकी
शादी तो बहुत सी आप सभी ने देखी होगी, आज हम आपको अनोखी शादी के बारे में बताते हैं शादी करने दूल्हा बारात लेकर गाजे बाजे के साथ नाव से पहुंचा। नाव से बारात लेकर शादी करने पहुंचे दूल्हे को देखने के लिए लोगो की भीड़ इकट्ठी हो गई।
दरअसल, सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से तलहटी में बसे गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। तटबंध के अंदर बने मकानों में पानी घुस गया है। यहां के लोगों ने पलायन कर ऊंचे स्थानों पर शरण ली है। किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं। बाढ़ आने से पीड़ितों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मामला बाराबंकी जनपद रामनगर तहसील के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र का है। यहां पर हर वर्ष नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। इसी बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्राम पंचायत बल्लोपुर द्वितीय में माधवपुरवा के रहने वाले राम आसरे की बेटी की शादी होनी थी। सूरतगंज ब्लॉक के सैलक गांव से राघवराम की बारात आनी थी। लेकिन गांव को जाने के लिए रास्ता नहीं था। सड़क मार्ग न होने पर दूल्हा राघवराम दुल्हनिया लेने के लिए डीजे, बाजा और बराती लेकर नाव से निकल पड़े और शादी करने के लिए लड़की के गांव पहुंच गए। नाव सवार दूल्हा को देखने के लिए गांव के लोगों का हुजूम दौड़ पड़ा। तमाम ग्रामीण और बच्चे मौके पर इकट्ठा हो गए और क्षेत्र में नाव सवार बारातियों की खूब चर्चा हो रही है। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान 106.70 से 47 सेंटीमीटर ऊपर है। हालांकि मंगलवार रात से जलस्तर घट रहा है। नेपाल के गिरजा व शारदा बैराज से मंगलवार को चार लाख तीस हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिससे सरयू नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया। तलहटी के गांव कोयली पुरवा, पर्वतपुर, गायघाट, सकतापुर, दुर्गापुर, लहड़रा, जगरूप पुरवा, तिवारी पुरवा, चौभुजी पुरवा और बुधई सहित सैकड़ों गांव पानी से घिरे हैं।
नदी से सटे जमका, खुज्जी, सुंदर नगर, बतनेरा, तपेसिपाह, कोरिनपुरवा, सिसौंडा और परसादी पुरवा के दर्जनों घरों में पानी जमा हो गया है। यहां के लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर अपना ठिकाना बनाया है। गांवो के मार्ग भी पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। मल्लाहन पुरवा के झोपड़ीनुमा घरों में पानी भरा है। यहां के रामनारायण और जुगलकिशोर का कहना है कि घरों में पानी प्रवेश हो गया है। खेतो में लगी फसल कुंदरू, परवल और धान की नर्सरी पानी में डूब गई है। ग्राम दुर्गापुर के मुख्य मार्ग पर पानी भरा है। इसी रास्ते से ग्रामीण व स्कूली बच्चे भी निकलते हैं। यहीं के किसान सोभई बताते हैं कि उनकी मेंथा की फसल खेत में तैयार लगी थी। अचानक बाढ़ आने से पानी में डूब गई है। हालांकि जिला प्रशासन बाढ़ ग्रस्त इलाकों पर नजर बनाए हुए हैं। राजस्व कर्मी राहत व बचाव में जुटे हैं। जिन गांवों के घरों में बाढ़ का पानी भर गया है। उन्हें बंधे पर बसाया गया। सभी के लिए विद्युत, स्वास्थ्य, भोजन और पानी आदि की व्यवस्था की गई है।