केके वर्मा, लखनऊ
लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अधिकांश सीटों से प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है, लेकिन कैसरगंज और रायबरेली में अभी भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। बीजेपी और कांग्रेस की स्थिति एक सी है। इंडिया गठबंधन भी अभी इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। दोनों पहले आप- पहले आप के चक्कर में है।
जिन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होना बाकी है, उसमें यूपी की रायबरेली, कैसरगंज जैसी चर्चित सीटें प्रमुख हैं। रायबरेली में जब से सोनिया गांधी ने राज्यसभा की सदस्यता ले ली, तभी से कयास लगाए जाने लगे। अब उनका उत्तराधिकारी कौन, गांधी परिवार का ही कोई सदस्य या फिर कोई और? इस वक्त कैसरगंज सीट सुर्खियों में बनी हुई है। इस सीट से कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं। इस सीट से अभी तक टिकट फाइनल नहीं है। लोगों की मानें तो बृजभूषण शरण सिंह का टिकट उन पर लगे महिला यौन उत्पीड़न के आरोपों को देखते अटका हुआ है। इस महीने के अंत तक दिल्ली की अदालत इस मामले पर फैसला सुना सकती है।
कोर्ट का फैसला बृजभूषण शरण सिंह के पक्ष में आया, तो बीजेपी उन्हें उम्मीदवारी सौंप सकती है और अगर ऐसा नहीं होता है तो बृजभूषण शरण सिंह के परिवार में किसी को टिकट दे सकती है।परिवार के सदस्यों में सबसे ज्यादा चर्चा बृजभूषण शरण सिंह की पत्नी केतकी सिंह को लेकर है। इसके पीछे वजह है, केतकी सिंह पहले 1996 से 1998 तक सांसद रह चुकी हैं। पार्टी को भरोसा है कि केतकी सिंह को चुनावी मैदान में उतारने से महिला कार्ड मजबूत होगा।