मध्य वर्ग हो या निम्न आय वर्ग सभी अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए एलआईसी में जमा करते हैं गाढ़ी कमाई
नई दिल्ली, 1 फरवरी
मोदी सरकार ने आम भारतीयों के बुढ़ापे की लाठी कही जाने वाली लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एलआईसी) को निजी कंपनियों को बेचने की घोषणा कर दी, लेकिन यूपी की विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इस गंभीर विषय पर चुप्पी नहीं तोड़ी। विपक्ष के नेताओं ने हर साल की भांति रटा-रटाया मोदी सरकार की आलोचना करके विरोध का कोटा पूरा कर लिया।
2020 बजट की सबसे बड़ी खबर यही है कि सरकार एलआईसी को बेचने जा रही है। हालांकि शनिवार को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की तो विपक्ष ने कुछ हंगामा तो किया, लेकिन उत्तर प्रदेश के आला नेता इस मामले में कुछ भी नहीं बोले।
बता दें कि आम भारतीय चाहे वह मध्य वर्ग हो या निम्न आय वर्ग सभी अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए एलआईसी में पैसा जमा करते हैं। पहले एलआईसी में पैसा जमा करने पर सर्विस चार्ज थोपा गया और आज 2020-21 का बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मल सीतारमण ने इसे बेचने की घोषणा कर दी।
राहुल गांधी, कांग्रेस:
हमारे युवा जॉब चाहते हैं, लेकिन लंबे-चौड़े बजट भाषण में ऐसा कुछ नहीं दिखा। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी के टि्वट को ही रिट्वीट किया है।
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अखिलेश यादव, सपा:
आया भाजपा का एक और निराशाजनक बजट। न नौकरीपेशा को फायदा, न कारोबारी को, न उद्योग को, न किसान-मजदूर-गरीब को। युवा और भी निराश हो गए हैं और महंगाई की मारी गृहणी और भी हताश। बजट के झूठे छलावे की जगह अगर भाजपा के भ्रष्टाचार पर कर लगा दिया जाए तो देश के बुरे दिन समाप्त हो जाएंगे।
अजय कुमार लल्लू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष:
ना युवाओं की बात, ना उनके रोजगार की बातना किसान की बात, ना फसल के दाम की बात हुई हैं तो सिर्फ किसान को गुमराह करने की बात।ना मजदूर की बात, ना उसके हक की बात ना छात्र की बात, ना उसके शिक्षा की बातयह सरकार कर रही है सिर्फ अपने “मन की बात”।
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ओपी राजभर, सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी:
ओम प्रकाश राजभर ने आम बजट को देश के लिए निराशाजनक व मुंगेरीलाल के हसीन सपने दिखाने जैसा बताया है। बजट में शिक्षा, गांव-गरीब-किसान-युवा-रोजगार-महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ भी नहीं है।
सामाजिक चिंतक लखनऊ हाई कोर्ट के एडवोकेट नंद किशोर पटेल कहते हैं कि यह दुर्भाग्य है कि आज एलआईसी जैसी संस्था को निजी हाथों में देने की तैयारी हो रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश का विपक्ष मौन है। डीएलएड संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा रजिस्टर्ड 2018 बैच के जिलाउपाध्यक्ष, गोंडा धीरेंद्र प्रताप वर्मा कहते हैं कि किसी भी पार्टी को सामाजिक सरोकार से कोई मतलब नहीं है। वर्तमान स्थिति के लिए सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के लोग भी जिम्मेवार हैं।