यूपी 80 न्यूज़, बलिया/लखनऊ
सरकार ने प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों/ बच्चियों को स्कूटी व कार चलाने पर रोक लगा दी है। सरकार के इस कदम की हर जगह समर्थन की जा रही है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष से लगायत स्कूलों के प्रिंसिपल तक ने सरकार के इस निर्णय की तारीफ की है। उनका मानना है कि इससे जहां सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी वहीं क्राइम पर भी लगाम लगेगा। भी की जा रही है।
यूपी में बच्चों की स्कूटी कर चलने पर रोक लगा दी गई है यह 18 साल से कम उम्र के बच्चे स्कूटी कर अब नहीं चला सकेंगे अगर वे ऐसा करते पाए जाते हैं तो उनक6अभिभावकों को इसकी सज़ा भुगतनी पड़ेगी।
बेल्थरारोड के व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रशांत कुमार मंटू का कहना है कि बिना लाइसेंस वाहन चलाना अपराध है। इस नियम से अभिभावक बच्चों को स्कूटी/ कार चलाने पर प्रतिबंध लगाएंगे। ऐसे में निश्चित ही दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
नवजीवन इंग्लिश स्कूल की प्रिंसिपल ग्रेसी जान ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि इस नियम से जहां 40 फीसदी एक्सीडेंट कम हो जाएगा वहीं क्राइम में भी कमी आएगी। उनका कहना है कि बच्चियों के साथ होने वाली छेड़खानी के मामले में 15 से 17 वर्ष के बच्चे ज्यादा इन्वाल्ब रहते हैं। बाइक सवार ये बच्चे गली कूचे में अकेले जाने वाली लड़कियों पर फब्तियां कसते हैं। ऐसे में इस कानून से इनकी गतिविधियों पर विराम लगेगा। सेंट जेवियर्स स्कूल पिपरोली की वाइस प्रिंसिपल शीला मिश्रा ने कहा कि यह तो सरकार का अति उत्तम कदम है। बच्चों के वाहन चलाने पर रोक के लिए मैं पहले भी आवाज उठाती आई हूं। कहा कि इसका सख्ती से पालन होना चाहिए। कहा कि बच्चों के वाहन चलाने से प्रत्येक वर्ष किसी न किसी स्कूल के बच्चे दुर्घटना में घायल हो जाते थे तथा कुछ की मौत भी हो जाती थी। इस नियम से बच्चे साइकिल से स्कूल आएंगे तो जहां उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा वहीं बच्चों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
न्यू सेंट्रल पब्लिक एकेडमी के प्रबंधक सतीश दूबे भी सरकार के इस नियम का समर्थन करते हैं। उनका भी कहना है कि इस नियम से बच्चों की जीवन रक्षा हो सकेगी तथा दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
बता दें कि शिक्षा निदेशक की तरफ से जारी किए गए पत्र में लिखा है कि सड़कों पर 18 साल से कम उम्र के स्कूटी सवार बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। केजीएमयू और लोहिया संस्थान की जानकारी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि सड़क दुर्घटना में मारे जाने वाले में 40% संख्या 18 साल से कम युवा वाले बच्चों की रह रही है इन्होंने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने अब 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के स्कूटी चलाने पर रोक लगा दी है।