राष्ट्रीय निषाद संघ के सचिव ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में अपील की दी चेतावनी
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
“उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा विज्ञापित 9212 पदों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला) भर्ती विज्ञापन में उत्तर प्रदेश आरक्षण नियमावली का उल्लंघन किया गया है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा की जगह मात्र 18 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 21 प्रतिशत कोटा की जगह 14.61 प्रतिशत ही कोटा देकर ओबीसी की 9 प्रतिशत व एससी की 6.39 प्रतिशत हकमारी की गई है।” राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व भारतीय ओबीसी महासभा के प्रवक्ता चौ.लौटन राम निषाद ने यह आरोप लगाया है।

चौ.निषाद का कहना है कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के विज्ञापित 9212 पदों में से 4865 पद अनारक्षित रखा गया है। ओबीसी के लिए 1660 पद, एससी के लिए 1346 पद, एसटी के लिए 420 व ईडब्ल्यूएस के लिए 921 पद आरक्षित रखा गया है। विज्ञापन में अनारक्षित कोटे के अंतर्गत 3684 के सापेक्षा 4865 पद रखा गया है। अर्थात 1181 पद अधिक रखा गया है।

राष्ट्रीय सचिव चौ.निषाद का कहना है कि ओबीसी को 2487 पद की जगह 1660 पद आरक्षित कर 827 पदों एवं एससी को 1934 की जगह 1346 पदों को ही आरक्षित कर 588 पदों की हकमारी की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष के ओबीसी, एससी सांसदों, विधायकों व नेताओं की इस हकमारी पर चुप्पी आश्चर्यजनक है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग संशोधित विज्ञापन जारी नहीं करता है तो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
