प्रदेश के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने की घोषणा, सुभासपा की कमी दूर करेगी निषाद पार्टी!
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
“भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश 2022 का विधानसभा चुनाव निषाद पार्टी व अपना दल (एस) के साथ मिलकर लड़ेगी।“ भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। माना जा रहा है कि अब एनडीए में ओमप्रकाश राजभर की सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी की कमी निषाद पार्टी पूरी करेगी।
बता दें कि धर्मेंद्र प्रधान पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं और उत्तर प्रदेश की सामाजिक एवं राजनैतिक स्थिति का जायजा ले रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2022 में हम पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यूपी की जनता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर अटूट भरोसा है। उन्होंने कहा कि सरकार व संगठन के काम व समन्वय की वजह से हमें जीत मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य कई दलों से बात चल रही है।

बता दें कि प्रदेश में 20 लोकसभा सीटें और 60 सीटों पर निषाद समाज का दबदबा है। प्रदेश के गोरखपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, संत कबीर नगर, मऊ, मिर्जापुर, वाराणसी, भदोही, प्रयागराज, फतेहपुर, हमीरपुर सहित विभिन्न जिलों में निषाद समाज की अच्छी खासी संख्या है।
बीजेपी निषाद समाज के जरिए 6-7 उपजातियों को भी साधने की रणनीति बना रही है। निषाद समाज के अंतर्गत केवट, मल्लाह, बिंद, कश्यप, मांझी, निषाद इत्यादि जातियां आती हैं।

सुभासपा की कमी को पूरी करेगी निषाद पार्टी:
बता दें कि सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के मुखिया डॉ.संजय निषाद पूर्वांचल से आते हैं। दोनों नेताओं का अपने-अपने समाज पर अच्छी पकड़ है। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा का पूर्वांचल के अंबेडकरनगर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर व वाराणसी जैसे प्रमुख जिलों में अच्छी पैठ है।

2017 का चुनाव परिणाम:
2017 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत सुभासपा को 8 सीटें मिली थीं, इनमें से 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बताया जाता है कि यूपी की 22 सीटों पर भाजपा को जीत दिलाने में ओमप्रकाश राजभर की बड़ी भूमिका थी। दूसरी ओर, गठबंधन में अपना दल एस को 11 सीटें मिली थीं, जिनमें से 9 सीटों पर अपना दल (एस) की जीत हुई थी और 70 से ज्यादा सीटों पर भाजपा को जीत दिलाने में अपना दल (एस) की अहम भूमिका रही।
राजनीतिक विचारक मनोज सिंह प्रवक्ता कहते हैं,

“निषाद पार्टी से भाजपा को 3 परसेंट का लाभ होगा, जबकि सुभासपा के जाने से भाजपा को महज 1 परसेंट का नुकसान होगा। भाजपा ज्यादा फायदा में है। निषाद समाज की संख्या ज्यादा है और प्रदेश के लगभग हर जिले में हैं।”