अनुसूचित जातियों scheduled castes को आवंटित जिला पंचायतें इस बार अनुसूचित जातियों scheduled castes को नहीं होंगी आवंटित
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
यूपी Uttar Pradesh में होने वाले पंचायत चुनाव panchayat election के लिए आरक्षण नियमावली जारी कर दी गई है। नई नियमावली के तहत पंचायतों में आरक्षण रोटेशन रीति से ही होगा। सामान्य निर्वाचन वर्ष 1995, 2000, 2010 और वर्ष 2015 में अनुसूचित जनजातियों Scheduled tribes को आवंटित जिला पंचायतें Jila Panchayat इस बार अनुसूचित जनजातियों को आवंटित नहीं होंगी और अनुसूचित जातियों को आवंटित जिला पंचायतें अनुसूचित जाति को आवंटित नहीं होंगी। इसी तरह पिछड़े वर्गों other backward clasess को आवंटित जिला पंचायतें पिछड़े वर्गों को आवंटित नहीं की जाएंगी।
एसीएस मनोज कुमार ने गुरुवार को लखनऊ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण नियमावली से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है। सभी जिलाधिकारियों को कहा गया है कि पंचायतों में आरक्षण reservation रोटेशन रीति से ही होगा। इस बार पंचायत चुनाव में सीटें आरक्षित होने के लिए पिछले पांच चुनावों का रिकार्ड देखा जाएगा।
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मनोज कुमार ने कहा कि इस बार जो पद पहले आरक्षित नहीं थे, उन्हें वरीयता दी जाएगी। इसके लिए 20 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इसके अलावा 2 से 8 मार्च तक आपत्ति दे सकेंगे।
चक्रानुक्रम फॉर्मूला:
इस बार आरक्षण प्रक्रिया लागू करने के लिए चक्रानुक्रम के तहत नया फॉर्मूला लागू किया जाएगा। वर्ष 1995 से अब तक के 5 चुनावों में जो पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होती रहीं और ओबीसी के आरक्षण से वंचित रह गईं, वहां ओबीसी का आरक्षण होगा।
एक साथ लागू होगी आरक्षण नीति:
प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक साथ पंचायतों के वार्ड के आरक्षण की नीति लागू होगी। वर्ष 1995 में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था और उसमें आरक्षण के प्रावधान लागू किए गए थे, लेकिन तब से अब तक हुए पांच पंचायत चुनावों में जिले के कई ग्राम पंचायतें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्ष के पद आरक्षित होने से वंचित रह गए। अत: इस बार जिला पंचायत परिषद के सभी 20 वार्डों, ग्राम प्रधान के 244, क्षेत्र पंचायत के 505 और वार्ड सदस्य के 3322 पदों के आरक्षण में चक्रानुक्रम फॉर्मूला अपनाया जाएगा।
ऐसे लागू होगा आरक्षण:
ऐसी पंचायतें जहां पहले एससी के लिए आरक्षित थीं और ओबीसी आरक्षण से वंचित रह गईं, वहां ओबीसी का आरक्षण होगा और इसी तरह जो पंचायतें अब तक ओबीसी के लिए आरक्षित होती रही हैं वह अब एससी के लिए आरक्षित होंगी।
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