राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग NCBC के अनुसार भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण Reservation के नियमों की अनदेखी हुई
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 69 हजार सहायक अध्यापक 69 thousand teachers recruitment भर्ती मामले में आरक्षण की अनदेखी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की नोटिस के बावजूद अब तक प्रदेश सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं दिए जाने पर अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यर्थियों ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल Anandiben Patel से ‘इच्छा मृत्यु Ichha Mrityu’ की मांग की है। इस मामले में अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद अनुप्रिया पटेल Anupriya Patel भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi को पत्र लिखकर उच्चस्तरीय जांच करवाने और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की मांग कर चुकी हैं।

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने कहा है कि सहायक अध्यापक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को उत्तर प्रदेश सरकार से अंतरिम रिपोर्ट पर जवाब मांगा था, लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसकी वजह से ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी बहुत परेशान हैं।
पढ़ते रहिए www.up80.online सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की नीति का हुआ उल्लंघन: आयोग
इच्छा मृत्यु की मांग:
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने राज्यपाल को भेजे पत्र में न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही इन अभ्यर्थियों ने यह भी कहा है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा तो इच्छा मृत्यु प्रदान करें। इन अभ्यार्थियों का यह भी कहना है कि आरक्षण घोटाले की वजह से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे सभी अभ्यर्थी नौकरी पाने से वंचित हो गए हैं।
ये है अंतरिम रिपोर्ट:
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण की नीति का उल्लंघन किया है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि आयोग के समक्ष राज्य का जवाब विरोधाभासी है। वर्तमान चयन प्रक्रिया में आरक्षण नियमों को कैसे और किस तरह से लागू किया गया है, यह बताने में राज्य सरकार विफल रही है। अंतिम चयन सूची में चयनित उम्मीदवारों की श्रेणी का उल्लेख नहीं किया गया। जबकि जिलेवार प्रकाशित सूची में चयनित उम्मीदवारों की श्रेणी का उल्लेख किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्मीदवारों की श्रेणी और सभी जिलों में प्रकाशित सूचियों के आधार पर चयन प्रक्रिया में व्यापक अनियमितता दिखती है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 18598 सीटों में से 5844 सीटें ऐसी हैं जो ओबीसी श्रेणी की बजाय अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को दी गई और इस तरह ओबीसी उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने ओबीसी व एससी वर्ग के छात्रों से ऐसा कदम नहीं उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा है, “आपकी लड़ाई भीम आर्मी लड़ेगी।”