कांग्रेस Congress महासचिव ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा-प्रदेश में क्वारंटीन सेंटर व अस्पतालों की स्थिति दयनीय
Congress General Secretary Priyanka Gandhi wrote a letter to CM Yogi, saying – Quarantine centers and hospitals are in poor condition in the state.
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi बनारस से सांसद हैं और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह Rajnath Singh लखनऊ से सांसद हैं, अन्य कई केंद्रीय मंत्री भी उत्तर प्रदेश से हैं। बावजूद इसके आखिर बनारस, लखनऊ, आगरा आदि में अस्थायी अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते? प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी Priyanka Gandhi ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath से यह सवाल किया है। श्रीमती गांधी ने इस बाबत मुख्यमंत्री को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें प्रदेश में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर चिंता जतायी गई है।
प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में निम्न बिंदुओं पर प्रकाश डाला है:
1.प्रदेश सरकार ‘नो टेस्ट-नो कोरोना’ की पॉलिसी को अपना रही है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में कोरोना के मामलों के विस्फोटक स्थिति है। जब तक पारदर्शी तरीके से टेस्ट नहीं बढ़ाए जाएंगे तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी व स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
2.प्रदेश में क्वारंटीन सेंटर और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीय है। कई जगह की स्थिति इतनी खराब है कि लोग कोरोना से नहीं अपितु सरकार की व्यवस्था से डर रहे हैं। इसी कारण लोग टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। ये सरकार की बड़ी विफलता है।
3.कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है।
4.आपकी सरकार ने दावा किया था कि 1.5 लाख बेड की व्यवस्था है लेकिन लगभग 20 हजार सक्रिय संक्रमित केस आने पर ही बेडों को लेकर मारामारी मच गई है।
5.प्रधानमंत्री बनारस के सांसद हैं और रक्षामंत्री लखनऊ के, अन्य भी कई केंद्रीय मंत्री उप्र से हैं। आखिर बनारस, लखनऊ, आगरा आदि में अस्थायी अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते?
6.डीआरडीओ, सेना और पैरा मिलीट्री द्वारा अस्थायी अस्पतालों का संचालन किया जा सकता है।
7.दिल्ली में स्थापित केंद्रीय सुविधाओं का प्रयोग सीमावर्ती जिलों के लिए भी किया जा सकता है।
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8.होम आइसोलेशन Home Isolation एक अच्छा कदम है, लेकिन इसे भी आनन-फानन में आधा-अधूरा लागू नहीं किया जाए। इसे लागू करते वक्त निम्न बिंदुओं का ख्याल रखा जाए:
मरीजों की मॉनिटरिंग और सर्विलांस की क्या व्यवस्था होगी?
हालत बिगड़ने पर किसे सूचना देनी होगी?
होम आइसोलेशन में चिकित्सीय सुविधाओं का खर्च क्या होगा?
मरीजों के टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन लेवल चेक करने की क्या व्यवस्था होगी?
सरकार को इसकी पूरी मैपिंग करके जनता को स्थानीय स्तर पर सम्पूर्ण जानकारी देनी चाहिए।