रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द की, कुछ स्थानों पर पुलिस ने किसानों पर चलाई लाठियां
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
कृषि बिलों के खिलाफ 25 सितंबर को किसान संगठनों का ‘भारत बंद’ आंदोलन काफी हद तक सफल रहा। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने पूरी तरह से रास्ता जाम कर दिया। रेलवे ने पंजाब व हरियाणा में एक दर्जन से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया। भारत बंद के दौरान बिहार, हरियाण सहित देश के कुछ हिस्सों में पुलिस ने किसानों पर लाठियां भी चलाई।
पंजाब में किसानों ने भारतीय किसान यूनियन और रिवॉल्यूशनरी मार्कि्सस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले जालंधर में अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर दिया। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले पंजाब-हरियाणा, दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया एवं चक्का जाम किया।
इसी तरह भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में किसानों ने रास्ता जाम कर दिया और सड़क पर ही बैठकर प्रदर्शन करने लगे। दिल्ली से सटे नोएडा में भी किसानों का विरोध-प्रदर्शन काफी हुआ। किसानों ने दिल्ली-नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे जामकर दिया। किसानों ने दिल्ली-मेरठ हाईवे को जाम कर दिया। हाईवे पर ट्रैक्टर, ट्रॉलियां खड़ी कर दी। बिजनौर में सड़क जाम कर दिया। श्रावस्ती में किसानों पर पुलिस ने लाठियां चलायी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले में किसानों ने सड़क जाम कर दिया।
पढ़ते रहिए www.up80.online कृषि बिलों का समर्थन करने वाली पार्टियों का सामाजिक बहिष्कार करेंगे किसान संगठन
उधर, बिहार में जन अधिकार पार्टी द्वारा भारत बंद के दौरान सत्ता पक्ष के कार्यकत्र्ताओं ने विरोध किया और प्रदर्शन कर रहे कार्यकत्र्ताओं पर हमला किया। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के साथ खुद ट्रैक्टर चलाते हुए सड़क पर उतरें और किसानों का समर्थन किया। कर्नाटक में बंगलूरु में किसानों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया और कर्नाटक-तमिलनाड़ को जोड़ने वाले राजमार्ग पर विरोध-प्रदर्शन किया। किसानों के भारत बंद को विपक्षी पार्टियां कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया।
किसानों की मांग:
- (अ) कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा पर करार अध्यादेश 2020
(ब) कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अध्यादेश 2020
(स) आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन अध्यादेश 2020
कृषि और किसान विरोधी इन तीनों अध्यादेशों को तुरंत वापिस लिया जाये।
2.न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी फसलों पर (फल और सब्जी) लागू करते हुए कानून बनाया जाये। समर्थन मूल्य से कम पर फसल खरीदी को अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाये।
3.मण्डी के विकल्प को जिन्दा रखने हेतु आवश्यक कदम उठायें जाएं एवं फसल खरीद की गारंटी हेतु कानून बनाया जाए।
पढ़ते रहिए www.up80.online लॉकडाउन: मार्च से जून के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 29415 लोगों की हुई मौत