मायावती ने कहा, “नॉन यादव ओबीसी विरोधी हैं अखिलेश यादव”
लखनऊ, 23 जून
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम आने के ठीक एक महीने बाद रविवार को मायावती ने गठबंधन बॉय बॉय बोल दिया है। उन्होंने अपने गठबंधन के सहयोगी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को जमकर कोसा है और चुनाव में हार का ठीकरा अखिलेश यादव व उनके पिता मुलायम सिंह यादव पर फोड़ा है।
रविवार को लखनऊ में आयोजित बसपा की बैठक में मायावती ने यादव वोट बैंक ट्रांसफर नहीं कराने की तोहमत सपा पर लगाने के साथ ही अनेक सीटों पर बसपा प्रत्याशी को हराने के लिए सपा के नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
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सपा मुखिया अखिलेश यादव पर मायावती के आरोप:
चुनाव हारने के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें कोई फोन नहीं किया। जबकि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और वोटों की गिनती के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर अफसोस जताया।
अखिलेश यादव मुसलमान विरोधी हैं और लोकसभा चुनाव 2019 में मुसलमानों को टिकट देने से डर रहे थें, अखिलेश यादव ने कहा था कि मुसलमानों को टिकट देने से धुव्रीकरण होगा। लेकिन मैंने उनकी बात नहीं मानी।
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मुलायम सिंह यादव ने भाजपा से मिलकर ताज कॉरिडोर में उन्हें फंसाने की कोशिश की।
अखिलेश सरकार में गैर यादव और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई, इसलिए उन्होंने वोट नहीं किया।
सपा ने प्रमोशन में आरक्षण का विरोध किया था, इसलिए दलितों, पिछड़ों ने उसे वोट नहीं दिया।
सलेमपुर संसदीय क्षेत्र में बसपा प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सपा ने राम गोविंद चौधरी ने हरवाया है। लेकिन अखिलेश यादव ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
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परिवारवाद की राह पर चल पड़ी बसपा:
रविवार को पार्टी की बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भाई आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और अपने भतीजे आकाश को नेशनल को-ऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी है। इस तरह देश की एक और राजनैतिक पार्टी परिवारवाद की राह पर चल पड़ी है।