यूपी80 न्यूज, लखनऊ
राष्ट्रीय जनसरदार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमन्त चौधरी ने कहा है कि मैं उत्तर प्रदेश की जनता के सामने एक ऐसे स्वप्न को साझा कर रहा हूँ, जो केवल मेरा नहीं, बल्कि इस पावन धरा के कण-कण की पुकार है एक ऐसा स्वप्न, जो आपके जीवन में समृद्धि, सम्मान और सुरक्षा का नया अध्याय लिखेगा, आपकी पीढ़ियों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य गढ़ेगा। हम सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य है, जिसकी जनसंख्या लगभग 20 करोड़ है। यह संख्या हमें गौरवान्वित करती है, लेकिन यह भी कटु सत्य है कि इस विशालता की बेड़ियाँ हमें पूर्ण विकास से रोक रही हैं। विकास की किरणें हर कोने तक समान रूप से नहीं पहुँच पा रही हैं, और हमारे अपने ही लोग अभाव और उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं।

क्या यह उचित है कि कुछ क्षेत्र विकास की दौड़ में बहुत आगे निकल जाएं, और कुछ आज भी पीने के पानी, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करें? क्या यह न्यायसंगत है कि हमारे मेहनती किसान, हमारे प्रतिभाशाली युवा, और हमारी सम्मानित माताएँ-बहनें उस जीवन से वंचित रहें, जिसकी वे हकदार हैं? हमारे युवा, जो इस धरती की शान थे, आज रोजगार की तलाश में दूरदराज के शहरों में अपमान झेलने को मजबूर हैं, अपने परिवार से दूर, अपने संस्कारों से विमुख! हमारे अन्नदाता, जो दिन-रात खेतों में पसीना बहाते हैं, आज भी अपनी उपज का सही दाम पाने के लिए तरस रहे हैं, कर्ज का बोझ और निराशा उन्हें घेर लेती है।
हेमन्त चौधरी ने कहा कि जब तक प्रदेश को छोटा और सुशासित नहीं किया जाएगा, तब तक सही मायने में सबका साथ, सबका विकास संभव नहीं है। एक छोटा राज्य केवल प्रशासनिक दक्षता नहीं लाता, बल्कि यह जनता के प्रति जवाबदेही बढ़ाता है, नीतियों को जमीनी स्तर तक पहुँचाता है, और विकास की गति को कई गुना बढ़ा देता है। सरकार और जनता के बीच की दूरी कम होने से आपकी समस्याओं का समाधान त्वरित और प्रभावी होता है।
हेमंत चौधरी का कहना है,
“इसी दिव्य विचार के साथ, मैं आज आपके सामने “रामराज्य प्रदेश” की परिकल्पना प्रस्तुत कर रहा हूँ। बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, अयोध्या, आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल मंडल – इन सात मंडलों के 26 जनपद, 147 विधानसभा सीटें और 29 लोकसभा सीटें – यह क्षेत्र केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं, यह हमारी सनातन संस्कृति का हृदय है, हमारे गौरवशाली अतीत का जीवंत प्रमाण है, और हमारे आध्यात्मिक उत्थान का केंद्र बिंदु है।
यह वही पावन धरा है जहाँ भगवान राम ने जन्म लिया, जहाँ से धर्म, न्याय और सुशासन का संदेश पूरे विश्व में फैला। इस पवित्र भूमि को “रामराज्य प्रदेश” के नाम से एक नया राज्य बनाना, और भगवान राम की नगरी अयोध्या को उसकी राजधानी बनाना, यह केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं होगा, बल्कि यह हमारी आस्था, हमारी पहचान और हमारे आत्मसम्मान का प्रतीक होगा। यह हमारी उस संस्कृति का पुनरुत्थान होगा, जिसकी जड़ें इस मिट्टी में गहरी धँसी हैं।“
हेमंत चौधरी ने कहा कि छोटा राज्य होने से शिक्षण संस्थानों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। सरकार युवाओं की आवश्यकताओं के अनुरूप नए तकनीकी संस्थान, आधुनिक विश्वविद्यालय और कौशल विकास केंद्र खोल सकेगी। स्थानीय उद्योगों की मांग के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे, जिससे हमारे युवाओं को अपनी धरती पर ही सम्मानजनक रोजगार के बेहतर अवसर मिलें और उन्हें दूर शहरों में दर-दर भटकना न पड़े।
आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता एक केंद्रित प्रशासन, सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देगा। सरकार की नीतियाँ इतनी सरल होंगी कि हमारा युवा केवल नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उद्यमिता का एक नया अध्याय लिखा जाएगा।
छोटे प्रदेश में खेलकूद अकादमियों और सांस्कृतिक केंद्रों का विकास आसान होगा। स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें निखारने के लिए बेहतर मंच मिलेंगे, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगे।
किसानों के लिए समृद्धि की नई फसल किसानों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान आसान होगा। एक छोटे राज्य में प्रशासनिक तंत्र किसानों की समस्याओं को अधिक निकटता से समझ पाएगा। फसल बीमा, ऋण माफी, खाद-बीज की उपलब्धता, वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों का प्रचार, और आधुनिक सिंचाई तकनीकें जैसी समस्याओं का समाधान अधिक तेजी से और प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। अधिकारियों की सीधी पहुँच से बिचौलिए खत्म होंगे और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। हमारी कृषि योग्य भूमि और जलवायु के अनुरूप विशेष कृषि योजनाएँ बनाई जा सकेंगी। जैविक खेती, कृषि प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, और किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना आसान होगा। इससे किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्राप्त करना अधिक सुगम होगा। स्थानीय मंडियों और शीतगृहों का विकास किया जा सकेगा, जिससे किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके और उनकी फसल बर्बाद न हो। बेहतर परिवहन व्यवस्था और कोल्ड स्टोरेज चेन से उनकी मेहनत का पूरा फल उन्हें मिलेगा।
हेमन्त चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय जनसरदार पार्टी राम राज्य प्रदेश बनाने की मांग को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यह केवल एक राजनीतिक माँग नहीं, यह हमारी अस्मिता, हमारे भविष्य और हमारे गौरव का प्रश्न है। यह एक जनक्रांति का आह्वान है! हम हर मंच पर इस आवाज को उठाएँगे, हर फोरम पर इस माँग को रखेंगे। आने वाले दिनों में, हम हर जिला मुख्यालय पर राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपेंगे, और यदि आवश्यकता पड़ी तो इस माँग को लेकर सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
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मैं भारतीय जनता पार्टी, और प्रदेश के अन्य सभी राजनीतिक दलों से भी आह्वान करता हूँ, यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि जनहित में निर्णय लेने का है। यदि उनकी भगवान राम के प्रति सच्ची निष्ठा है, तो आज केंद्र और प्रदेश दोनों में उनकी सरकार है। यह उनके लिए “रामराज्य प्रदेश” बनाने का स्वर्णिम अवसर है। उन्हें इस ऐतिहासिक अवसर को नहीं चूकना चाहिए।
आइए, हम रामराज्य के उस आदर्श को धरती पर उतारें, जहाँ विकास सर्वव्यापी हो, जहाँ हर व्यक्ति आत्मनिर्भर और सम्मानित हो। यह हमारे बच्चों के भविष्य का प्रश्न है, हमारे किसानों के सम्मान का प्रश्न है, और हमारे युवाओं के सपनों का प्रश्न है। यह हमारे अस्तित्व का प्रश्न है।
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