मिर्जापुर में रमाशंकर पटेल के जरिए अनुप्रिया पटेल को घेरने की रणनीति का त्वरित जवाब हैं राजेश पटेल
लखनऊ / मिर्जापुर, 20 सितंबर
योगी सरकार के ऊर्जा राज्यमंत्री रामाशंकर सिंह पटेल के मुकाबिल अनुप्रिया पटेल ने राजेश पटेल को अपना दल (एस) का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाकर करारा जवाब दिया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता बनने के बाद गुरुवार को राजेश पटेल के मिर्जापुर आगमन के दौरान रास्ते में जगह-जगह स्वागत करने के लिए अपना दल (एस) के कार्यकत्र्ताओं की काफी संख्या में उपस्थिति ये साबित करती है कि पूर्वांचल विशेषकर मिर्जापुर, वाराणसी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, जौनपुर में अपने संगठन को धार देने के लिए अनुप्रिया पटेल ने नए सिरे से रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
बता दें कि मोदी 2.0 राज में न तो अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और न ही उनके पति आशीष पटेल को योगी मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में जगह दी गई। एक सांसद के तौर पर लोकसभा में अनुप्रिया पटेल की उपस्थिति काफी सराहनीय रही है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के तौर पर उन्होंने बेहतरीन कार्य किया। अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधि बनकर दो कैरेबियाई देशों का दौरा किया। अनुप्रिया पटेल संसद में दलित-पिछड़ों, आदिवासियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाती रहती हैं। उत्तर प्रदेश में 9 विधायक और 2 सांसद होने के बावजूद अपना दल (एस) के नेताओं को केंद्र व प्रदेश में नजरअंदाज करने पर कार्यकत्र्ताओं में काफी आक्रोश है।
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खास बात यह है कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनुप्रिया पटेल को उनके संसदीय क्षेत्र में ही घेरने के लिए एक कदम और आगे बढ़ गए। सीएम योगी ने मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र के भाजपा विधायक रामाशंकर सिंह पटेल को ऊर्जा राज्य मंत्री बना कर मिर्जापुर के पटेलों में दो फाड़ करने की कोशिश की। इसके जवाब में अनुप्रिया पटेल ने 16 सितंबर को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र के निवासी एवं पेशे से पत्रकार राजेश पटेल को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया। राजेश पटेल को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाकर उन्होंने मिर्जापुर के साथ-साथ पूर्वांचल के पटेलों को साधने की एक सधी हुई चाल चली है।
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अब आने वाला वक्त बताएगा कि रामाशंकर सिंह पटेल मिर्जापुर व वाराणसी के पटेल मतदाताओं में कितना सेंध लगाते हैं या रामाशंकर सिंह पटेल पर राजेश पटेल कितना भारी पड़ते हैं।