बेल्थरा रोड में 2014 में ग्राम न्यायालय की स्थापना का आदेश जारी हुआ था
अशोक जायसवाल, बलिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बलिया दौरा के दौरान जनपदवासियों में बेल्थरारोड में नवसृजित ग्राम न्यायालय के शुभारंभ की आस जग गई है। नव सृजित ग्राम न्यायालय का मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेंद्र प्रसाद द्वारा न्यायिक अधिकारियों के साथ पिछले सोमवार को निरीक्षण किया गया था।
बता दें कि भाजपा सरकार बनने के बाद से ही जनपद के बेल्थरारोड तहसील में ग्राम न्यायालय की शुरुआत की लोगों में उम्मीद जग गई थी। लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया, परन्तु न्यायालय की शुरुआत नहीं हो सकी। स्थानीय सांसद रविंद्र कुशवाहा एवं स्थानीय विधायक धनंजय कन्नौजिया भी शासन को पत्र भेजकर इसके शुभारंभ की मांग कर चुके हैं। भाजपा नेता देवेन्द्र कुमार गुप्त लगातार न्यायिक अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं एवं पत्रक भेज इसके प्रारम्भ के लिए एड़िया रगड़ते रहे। परिणाम यह रहा कि पिछले सोमवार को बेल्थरारोड पहुँचे न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा इसका निरीक्षण किया गया तथा उन्होंने बताया कि ग्राम न्यायालय बन कर तैयार है। बेसिक कार्य चैम्बर, फर्नीचर आदि का कार्य अधूरा है जिसको शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर के चेयरमैन हुसैन अहमद अंसारी ने बताया कि न्यायालय के निर्माण कार्य को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर हाईकोर्ट के निर्देशानुसार शीघ्र ग्राम न्यायालय का संचालन प्रारम्भ हो जाएगा।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुक्रवार को बलिया आगमन की खबर से क्षेत्रवासियों द्वारा उनके हाथों इसके शुभारंभ करने के कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा नेता व वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंन्द्र कुमार गुप्त का कहना है कि कोरोना काल में लोगों की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री जी द्वारा इसका शुभारंभ करने का निर्णय लिया जा सकता है। यदि ऐसा सम्भव होता है तो जहां क्षेत्र के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि होगी, वहीं न्याय की आशा में बेल्थरारोड से 65 किमी दूरी तय कर जनपद मुख्यालय जाने वाले लोगों को भाजपा सरकार की तरफ से इससे बड़ा कोई तोहफा हो ही नहीं सकता। उधर हाईकोर्ट के उपनिबंधक द्वारा भी शीघ्र ग्राम न्यायालय के शुभारम्भ का आश्वासन दिया जा चुका है तथा इस सम्बन्ध में 01मई को मुख्यमंत्री व 01 जून 2021 को जनपद न्यायधीश को ज्ञापन दिया जा चुका है।
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के विशेष कार्याधिकारी आरएन सिंह ने भी दिनांक 11 जून 2021 को प्रमुख सचिव न्याय को यथोचित कार्यवाही करने को कहा, जिसके फलस्वरूप प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सहित प्रमुख सचिव व सचिव न्याय को निर्देशित किया है।
2014 में जारी हुआ था आदेश:
बता दें कि ग्राम न्यायालय का प्रथम शासनादेश 17 फरवरी 2014 को हुआ जिसमें प्रदेश में 12 ग्राम न्यायालयों के स्थापना का आदेश जारी हुआ था। तत्पश्चात 21 जुलाई 2015 को शासन ने अपर सिविल जज (जू0डि0) लाल बहादुर गौड़ को नियुक्त कर दिया गया। परन्तु बिल्थरारोड में न्यायालय भवन के अभाव के चलते न्यायालय का कार्य प्रारम्भ नही हो सका।
हालांकि अस्थाई तौर पर तहसील कैम्पस में प्रथम तल पर न्यायालय शुभारंभ करने की स्वीकृति मिल चुकी है। दूसरी तरफ योगी सरकार ने बिल्थरारोड में मुंसफी न्यायालय की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। उक्त न्यायालय उपकोषागार में चलाने की मांग स्थानीय अधिवक्ताओं द्वारा की जा रही है। जनपद के जजों सहित सम्बंधित अधिकारियों द्वारा उपकोषागार का दो बार निरीक्षण भी किया जा चुका है। स्थाई न्यायालय के लिए 10 एकड़ भूमि की तलाश जारी है।