फतेहपुर की सबसे खास सीट जहानाबाद में है त्रिकोणीय लड़ाई
आशुतोष मिश्रा, जहानाबाद
फतेहपुर के जहानाबाद चुनाव में लड़ाई चेहरों की होती है। जो जितना मजबूत है उसके पक्ष में ही जीत होती चली आ रही है। जहानाबाद विधानसभा में किसी राजनीतिक दल का एक छत्र राज नहीं रहा। इस क्षेत्र की जनता कई बार प्रतिनिधित्व का चेहरा बदल चुकी है। फिर चाहे सपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम रहे हों या तीन बार विधायक रहे मदन गोपाल वर्मा जैसा बड़ा नाम या एक बार चुनाव जीतने के बाद अपनी छवि से प्रसिद्ध आदित्य पाण्डेय।

मदन गोपाल की जगह जनता ने 2017 में अपना दल के जय कुमार सिंह जैकी पर भरोसा जताया था। दिलचस्प यह भी है कि भाजपा यहां कभी खाता नहीं खोल सकी।
वर्ष 2012 में हुए परिसीमन के बाद जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर में बड़ा बदलाव आया है। शिवराजपुर, खजुहा समेत तकरीबन 30 गांव शामिल किए गए। परिसीमन के बाद विधानसभा क्षेत्र का परिदृश्य भले ही बदल गया हो, लेकिन समीकरणों में कोई बदलाव नहीं आया।

जाति समीकरण सबसे ज्यादा हावी:
जहानाबाद की राजनीति में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वर्तमान में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के गृह विधानसभा होने के बावजूद यहां समाजवाद की जड़ें मजबूत नहीं हो पाईं। वर्ष 1985 में नरेश उत्तम लोकदल से चुनाव मैदान में थे, लेकिन कांग्रेस के प्रकाश नारायण अवस्थी के सामने टिक नहीं पाए। वर्ष 1989 में जनता दल से नरेश उत्तम विधानसभा पहुंचे और प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल हुए। इसके बाद 1991, 1993 व 1996 के चुनाव में हारते गए। 2017 में अपना दल ने जयकुमार जैकी को प्रत्याशी बनाया तो सपा से खड़े मदन गोपाल को हार का सामना करना पड़ा। गठबंधन से मिली जीत के बाद भाजपा आगे की उम्मीदें संजोए बैठी हुई है।

यहां के अब तक के विजेता:
वर्ष – विधायक – दल
1962 – रामकिशोर- निर्दलीय
1967 – प्रेमदत्त तिवारी – कांग्रेस
1969 – उदित नारायण – बीकेडी
1974 – प्रेमदत्त तिवारी – कांग्रेस
1977 – कासिम हसन – जनता पार्टी
1980 – जगदीश नारायण – कांग्रेस
1985 – प्रकाश नारायण – कांग्रेस
1989 – नरेश उत्तम – जनता दल
1991 – छत्रपाल वर्मा – जनता दल
1993 – मदन गोपाल वर्मा – जनता दल
1996 – कासिम हसन – बसपा
2002 – मदन गोपाल वर्मा – सपा
2007 – आदित्य पांडेय – बसपा
2012 – मदन गोपाल वर्मा – सपा
2017 – जयकुमार जैकी – अपना दल
