यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
पावर कार्पोरेशन में छह मार्च को होने वाले 17 निदेशकों के चयन के लिए दलित एवं पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर न भेजने का मामला गरमा गया है।
अभियंता संगठनों ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर मनमानी और सरकार की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। आवेदन करने वाले सभी अभियंताओं को साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर भेजने की मांग की है। चयन प्रक्रिया रद्द कर मनमानी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
प्रदेश के विभिन्न विद्युत निगमों में 17 निदेशकों का चयन होना है। साक्षात्कार छह मार्च को है। दलित और पिछड़े वर्ग के अभियंताओ को छोड़ अन्य अभियंताओं को साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर भेजे गए हैं।
इस मामले को लेकर पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन नाखुशी का इजहार कर चुकी है। इसे लेकर प्रांतीय कार्य समिति की फील्ड हॉस्टल में बैठक हुई। चयन के लिए पात्र होने के बाद कॉल लेटर नहीं भेजने और चहेते अभियंताओं को बुलाने पर नाराजगी जताई। एसोसिएशन ने कहा कि कार्पोरेशन दलित एवं पिछड़े वर्ग के अभियंताओं को साक्षात्कार में न बुलाकर सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भी भेजा गया, जिसमें न्याय की गुहार लगाई गई।
साथ ही, निदेशकों की चयन प्रक्रिया रद्द करने की मांग की गई। राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ने भी ऊर्जा निगमों में निदेशक के पदों के साक्षात्कार में मनमानी का आरोप लगाया है। चहेते लोगों को निदेशक बनाने की तैयारी है। अभियंताओं को साक्षात्कार के लिए कॉल लेटर नहीं भेजा गया है। निदेशक पद के लिए 54 अभ्यर्थियों को चुना गया है। इसमें सिर्फ 19 विभागीय अभियंता हैं, जबकि 35 बाहरी व्यक्ति हैं।
संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि ऊर्जा निगमों के निजीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए निजी कंपनी में कार्यरत बाहरी व्यक्तियों को निदेशक बनाए जाने के प्रयासों का विरोध किया जाएगा।

