रक्षा मंत्री से लेकर राज्यपाल, कैबिनेट मंत्रियों व सांसदों के पुत्रों ने सीट की मांग की
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में केवल क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं में ही राजनैतिक विरासत Political legacyको आगे बढ़ाने का मोह नहीं है, बल्कि भाजपा BJP जैसी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी में भी इसे सलीके से आगे बढ़ाने की कोशिश जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह Defence minister Rajnath Singh के पुत्र सहित भाजपा के कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों के अलावा राज्यपालों के पुत्रों ने भी टिकट की दावेदारी की है।
प्रयागराज से भाजपा सांसद डॉ.रीता बहुगुणा जोशी, बिहार के राज्यपाल फागू चौहान, राज्यपाल कलराज मिश्रा, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, सांसद रविंद्र कुशवाहा सहित भाजपा के अनेक ऐसे वरिष्ठ नेता हैं, जिनके पुत्र अथवा भाई या रिश्तेदार टिकट के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ के पुत्र:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बड़े पुत्र पंकज सिंह को एक बार फिर से भाजपा नेतृत्व ने नोएडा से टिकट दिया है। पंकज सिंह फिलहाल नोएडा से ही विधायक हैं। इनके अलावा राजनाथ सिंह के छोटे पुत्र नीरज सिंह भी लखनऊ के कैंट अथवा किसी दूसरी सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर:
केंद्र में 6 महीने पहले केंद्रीय मंत्री बने मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर की पत्नी जय देवी फिलहाल मलिहाबाद से विधायक हैं। कौशल किशोर के एक बेटे विकास किशोर मलिहाबाद से तो दूसरे बेटे प्रभात किशोर सीतापुर की सिधौली सीट से टिकट मांग रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल:
आगरा से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल की पत्नी टूंडला से टिकट मांग रही हैं। पूर्व में एसपी सिंह बघेल यहां से विधायक थे।
मंत्री सूर्य प्रताप शाही:
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही के बेटे सुब्रत शाही देवरिया जनपद की पथरदेवा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। फिलहाल वह ब्लॉक प्रमुख हैं। सूर्य प्रताप शाही बेटे के लिए पथरदेवा एवं खुद के लिए देवरिया सदर से टिकट की कोशिश में लगे हुए हैं।
डॉ.रीता बहुगुणा जोशी:
योगी सरकार में पूर्व में कैबिनेट मंत्री एवं फिलहाल प्रयागराज से सांसद डॉ.रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए लखनऊ कैंट से टिकट मांग रही हैं। यहां से वह दो बार विधायक रह चुकी हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि बेटे के लिए वह सांसद पद से इस्तीफा तक देने के लिए तैयार हैं।
सांसद रविंद्र कुशवाहा:
सलेमपुर से भाजपा सांसद रविंद्र कुशवाहा अपने भाई जयनाथ कुशवाहा के लिए देवरिया की भाटपाररानी सीट से टिकट मांग रहे हैं। 2017 में भी जयनाथ कुशवाहा ने यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन मोदी लहर के बावजूद उन्हें सपा प्रत्याशी आशुतोष उपाध्याय से हार का सामना करना पड़ा।
सांसद सत्यदेव पचौरी:
कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी अपने बेटे अनूप पचौरी के लिए गोविंद नगर सीट मांग रहे हैं। यहां से वह दो बार विधायक रह चुके हैं। 2019 में उनके सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के सुरेंद्र नैथानी यहां से विधायक चुने गए।
मंत्री जयप्रकाश निषाद:
देवरिया की रुद्रपुर सीट से विधायक एवं योगी सरकार में मंत्री जयप्रकाश निषाद भी अपने पुत्र के लिए यहां से टिकट मांग रहे हैं। जबकि निषाद पार्टी भी इस सीट पर दावा कर रही है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित:
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के पुत्र दिलीप दीक्षित गृह जनपद उन्नाव की पुरवा सीट से दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि यहां से बसपा के अनिल सिंह विधायक हैं, जो कि वर्तमान में भाजपा में आ चुके हैं।
भाजपा कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल:
उत्तर प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने ढाई साल पहले 75 साल की उम्र पूरी होने पर मंत्री पद छोड़ दिया था। फिलहाल वह अपने पुत्र आशीष अग्रवाल को बरेली कैंट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं।
मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा:
सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा 76 साल के हो चुके हैं। लेकिन अभी भी वह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही इनके पुत्र गौरव वर्मा कैसरगंज से टिकट मांग रहे हैं।
मंत्री बृजेश पाठक:
योगी सरकार के कद्दावर मंत्री एवं लखनऊ मध्य से विधायक बृजेश पाठक भी अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं।
राज्यपाल कलराज मिश्रा:
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री, देवरिया के सांसद रह चुके राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्रा के पुत्र अमित मिश्रा देवरिया सदर से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
राज्यपाल फागू चौहान:
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के पुत्र रामविलास चौहान मऊ की कुर्मी बाहुल्य मधुबन विधानसभा क्षेत्र में कुछ महीने से सक्रिय हो गए हैं और यहां से दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि इस सीट पर अपना दल एस भी दावेदारी कर रही है। खास बात यह है कि फागू चौहान अपने राजनीतिक जीवन में घोसी विधानसभा से छह बार विधायक चुने गए, बावजूद इसके उनके पुत्र रामविलास चौहान घोसी की बजाय मधुबन में सक्रिय हैं।
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