जनजातियों से भावनात्मक रूप से जुड़े आम आदमी: अनुप्रिया पटेल
आदिवासी समाज के विकास से ही रामराज्य की स्थापना होगी: रमापति शास्त्री, समाज कल्याण मंत्री
लखनऊ, 15 नवंबर
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राष्ट्रनायक, स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं क्रांतिदूत भगवान बिरसा मुंडा Birsa Munda की 146 वी जयंती पर भागीदारी भवन लखनऊ में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत का आम नागरिक जनजातीय समुदाय से भावनात्मक रूप से जुड़े, ऐसा भाव हर हृदय में उत्पन्न होना चाहिये। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री जी की उस सोच और भाव को प्रणाम करती हूं जिसमें उन्होंने जंगलों में रहने वाली जनजातीय समुदाय के आजादी पाने के लिये अंग्रेजों के साथ किये गये संघर्ष को 15 नवम्बर अर्थात भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला कर एक नयी पहचान दी है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि इस दिवस के माध्यम से जनजातीय समुदाय को उनकी खोई हुई पहचान मिलेगी, जिसके वो लंबे समय से हकदार थे। हमारे जनजातीय समुदाय ने जिस प्रकार भारत की जमीन ,जंगल, सांस्कृति विरासत की रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहूति दी है, उसके बारे में आने वाली पीढी को अवश्य जानना चाहिये।
केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल Anupriya Patel ने कहा कि उतर प्रदेश के मिर्जापुर और सोनभद्र जिले में जहां पर बड़ी सख्या में कोल, चेरो, गोंड, पनिका, खरवार आदि जनजातीय समुदाय के लोग निवास करते हैं, वहां जनजातीय संग्रहालय के निर्माण की जो घोषणा सरकार ने की है उसके लिये धन्यवाद। उन्होंने कहा कि जनजातीय वनवासियों के कल्याण के लिये शिक्षा ,स्वास्थ्य, आवास जैसी तमाम विषयों को ध्यान में रखकर भारत सरकार और उतर प्रदेश की सरकार तमाम योजनाओं का संचालन कर रही है।
आदिवासी समाज के विकास से ही रामराज्य की स्थापना होगी: रमापति शास्त्री
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री Ramapati Shastri ने मिर्जापुर-सोनभद्र की सीमा पर जनजातीय संग्रहालय एवं आदिवासी छात्रों के लिए छात्रावास के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति के विकास से ही सही मायने में रामराज्य की स्थापना होगी।
बिरसा मुंडा ने राजनैतिक व समाजिक लड़ाई लड़ी: लालजी निर्मल
इस मौके पर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष लालजी निर्मल Lalji Nirmal ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वो सम्मान इतिहासकारों ने नहीं दिया। भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ राजनैतिक लड़ाई लड़ने के साथ-साथ सामाजिक लड़ाई भी लड़ी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार जनजातीय समाज के योद्धाओं, स्वतंत्रता सेनानियों के गौरवशाली इतिहास को हम सबके सामने लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पहल की है।
1857 से पहले भारत की आजादी के लिए लाखों आदिवासी शहीद हुए:
जनजातीय शोध एवं विकास संस्थान के अध्यक्ष डॉ.बनवारी लाल गोंड ने कहा,
“देश की आजादी के लिए आदिवासी समाज 1857 के पहले से अंग्रेजों से संघर्ष करता रहा है जो आगे चलकर स्वाधीनता संग्राम का बीज बना। इस अवधि में लाखों आदिवासियों ने अपने प्राणों की आहुति और बलिदान से भूमि को सिंचित किया है। आधुनिक समय में आदिवासी संस्कृति सभ्यता बचाने से ही भारत की धरोहर बचेगी।”
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ.रामबाबू हरित , समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव रविंद्र नायक सहित कई अधिकारी एवं सामाजिक लोग उपस्थित थें।
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