वाराणसी में एक लाख का इनामी बदमाश दीपक वर्मा पुलिस मुठभेड़ में मारा गया
अशोक जायसवाल, बलिया/लखनऊ
प्रदेश में कानून-व्यवस्था का इकबाल कायम रखने के लिए यूपी पुलिस ने महज एक सप्ताह के अंदर पूर्वांचल के चार खूंखार अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। ये चाराें अपराधी पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में सक्रिय थे। इनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज थे और इनकी गिरफ्तारी के लिए लाखों रुपए का इनाम घोषित किया गया था।
सोमवार को वाराणसी के चौबेपुर के बरियासनपुर चिरईगांव ब्लॉक के पीछे पुल के पास एक लाख के इनामी बदमाश दीपक वर्मा से यूपी पुलिस की मुठभेड़ हो गई। जिसमें दीपक वर्मा मारा गया।
पुलिस के अनुसार दीपक वर्मा के खिलाफ वाराणसी के कई थानों में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज थे। 2015 से वह फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में थी। उस पर लूट के कई मामले दर्ज थे।
हरीश पासवान:
पिछले सप्ताह बलिया के रसड़ा कोतवाली के नीबू कबीरपुर गांव के पास एक लाख के इनामी बदमाश हरीश पासवान को यूपी पुलिस ने मुठभेड़ में घायल कर दिया। बाद में उसकी मौत हो गई। उस पर लगभग 35 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
मूलत: बलिया के हल्दी थाना क्षेत्र के बाबूबेल गांव निवासी हरीश पासवान के खिलाफ बैरिया पुलिस द्वारा 7 जुलाई को जिला पंचायत के पूर्व सदस्य जलेसर सिंह की हत्या पर 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
प्रशांत पांडेय उर्फ कल्लू पांडेय:
चार दिन पहले जौनपुर के सरपतहां थाना क्षेत्र के गैरवांह गांव स्थित झोखरिया बाग में तीन जनपदों में आतंक का पर्याय बने एक लाख के इनामी बदमाश प्रशांत पांडेय उर्फ कल्लू पांडेय को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। प्रशांत पांडेय सुल्तानपुर जिले के अमरथू डढ़िया कोतवाली कादीपुर का निवासी थी। पुलिस के अनुसार प्रशांत पांडेय के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या, चोरी, रंगदारी, जान से मारने के प्रयास जैसे 29 मामले दर्ज थे। ये मामले सुल्तानपुर, जौनपुर और आंबेडकर नगर के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
विजय प्रजापति:
काजल हत्याकांड के मुख्य आरोपी विजय प्रजापति को तीन दिन पहले यूपी पुलिस ने गोरखपुर में हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया। विजय पर लूट और हत्या के एक दर्जन मामले दर्ज हैं। उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित था।
बता दें कि पिछले महीने 20 अगस्त को गगहा थानाक्षेत्र के जगदीशपुर भलुआन के रहने वाले बदमाश विजय प्रजापति ने गांव में ही एक व्यक्ति से हुए विवाद के दौरान उसकी 17 साल की छात्रा काजल सिंह को गोली मार दी थी। लखनऊ के केजीएमयू में इलाज के दौरान काजल सिंह की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। विजय के खिलाफ अन्य जनपदों में भी कई मामले दर्ज थे।