पूर्वांचल के सहयोगी भी एमएलसी के लिए सपा प्रमुख पर बना रहे हैं दबाव
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya को विधान परिषद भेजकर अखिलेश यादव Akhilesh Yadav मौर्य Maurya समाज को बड़ा संदेश देने की तैयारी कर रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य एवं पूर्व विधायक सोबरन सिंह यादव Sobaran Singh Yadav को समाजवादी पार्टी Samajwadi Party विधान परिषद भेजने की तैयारी कर रही है। सोबरन सिंह यादव पूर्व में मैनपुरी की करहल Karhal सीट से विधायक थे। उन्होंने अखिलेश यादव के लिए करहल सीट छोड़ दी थी। इनके अलावा सहयोगी दल भी एमएलसी MLC सीट के लिए सपा प्रमुख पर दबाव बना रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एक सीट सहयोगी दलों के हिस्से में भी जा सकती है।
सपा के 111 और सहयोगी दलों के 14 विधायक हैं। विधायकों की संख्या के हिसाब से समाजवादी पार्टी चार लोगों को विधान परिषद भेज सकती है। फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्य और सोबरन सिंह यादव पर लगभग अंतिम मुहर लग गई है। हालांकि समाजवादी पार्टी की तरफ से अभी तक इन नेताओं को विधान परिषद प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया है।
सहयोगी दलों के खाते में भी आ सकती है सीट:
सपा प्रमुख अखिलेश यादव शेष दो सीटों में से एक सीट अपने सहयोगी दलों के हिस्से में दे सकते हैं। सुभासपा SBSP प्रमुख ओमप्रकाश राजभर Omprakash Rajbhar अपने पुत्र के लिए एमएलसी की सीट मांग रहे हैं। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने एक सीट से अपने सहयोगी रालोद RLD प्रमुख जयंत चौधरी Jayant Chaudhary को भेजी है। ऐसे में समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों विशेषकर पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाली पार्टियां भी एमएलसी की सीट के लिए दबाव बना रही हैं।
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बता दें कि छह जुलाई को यूपी विधान परिषद के 13 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। रिक्त हो रही इन सीटों पर 20 जून को चुनाव होना है। प्रत्याशियों के नामांकन की अंतिम तिथि 9 जून है।