यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित आयोग की बैठक में ओबीसी से संबंधित जातियों के शामिल करने व निष्कासन, विकास व उत्थान से जुड़े मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक में उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सदस्य सूर्य प्रकाश पाल, अन्य सदस्यगण और सचिव मनोज कुमार सागर उपस्थित रहे।

राज्य में तेल घानी व्यवसाय से जुड़े लोगों के विकास और उनके हितों की रक्षा के लिए ‘राज्य तेल घानी बोर्ड’ के गठन का प्रस्ताव बैठक में प्रस्तुत किया गया। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आयोग ने निर्णय लिया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी एकत्र कर इसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि इसे लेकर ठोस कदम उठाए जा सकें।
ओबीसी छात्रों को नॉन क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाई:
बैठक में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नॉन-क्रीमीलेयर प्रमाण पत्र प्राप्त करने में हो रही कठिनाइयों पर चर्चा की गई। इस दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि प्रमाण पत्र के वर्तमान प्रारूप में संशोधन की आवश्यकता है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रमाण पत्र के प्रारूप में आवश्यक संशोधन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
घुमंतू जनजातियों को ओबीसी में शामिल करने पर चर्चा:
विमुक्त घुमंतू जनजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में सम्मिलित करने के विषय पर भी विचार हुआ। आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी जाति को विमुक्त जनजाति में सम्मिलित करने की प्रक्रिया आयोग द्वारा नहीं की जाती है।
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