बसपा के संस्थापक सदस्य बलिहारी बाबू के पुत्र हैं सुशील आनंद, अखिलेश यादव के दांव से हैरान हैं राजनीतिक पंडित
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
समाजवादी पार्टी Samajwadi Party के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने अपनी पत्नी डिंपल यादव की बजाय दलित चेहरा सुशील आनंद को आजमगढ़ Azamgarh सदर लोकसभा सीट से उतारकर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। सुशील आनंद Sushil Anand बसपा BSP के संस्थापक सदस्य एवं पूर्वांचल के दिग्गज नेता रहे बलिहारी बाबू के बेटे हैं। हालांकि अभी तक समाजवादी पार्टी ने इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। बता दें कि अपने अंतिम समय में बलिहारी बाबू Balihari Babu समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। उधर, बसपा ने प्रदेश के सबसे अमीर MLA का तमगा पा चुके गुड्डू जमाली को यहां से उतारा है और भाजपा अभी भी यहां पर उधेड़बुन में है।
बता दें कि सुशील कुमार आनंद SushilAnand वर्ष 2010 में फूलपुर से ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। पिछले दिनों अखिलेश यादव जब फूलपुर में पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव की मां की तेरहवीं कार्यक्रम में आजमगढ़ गए थे, तो सुशील आनंद से मिलने उनके घर भी गए थे।
जीवन के अंतिम समय में बलिहारी बाबू का बसपा से मोहभंग हो गया था:
आजमगढ़ जनपद में इस परिवार की एक अलग प्रतिष्ठा है। सुशील आनंद की पत्नी जीजीआइसी लालगंज की प्रिंसिपल हैं। सुशील आनंद के पिता बलिहारी बाबू लंबे समय तक बसपा में रहे और उसे मजबूत करने में अपना खून-पसीना बहाया, लेकिन बाद में बसपा से मोहभंग होने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 2020 में वह सपा में शामिल हो गए। 28 अप्रैल 2021 में कोरोना संक्रमण की वजह से उनका निधन हो गया।
सभी 10 सीटों पर सपा का कब्जा है:
तीन महीने पहले हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की सभी 10 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत का परचम लहराया। लोकसभा उपचुनाव में यहां से अखिलेश यादव की पत्नी एवं पूर्व सांसद डिंपल यादव अथवा पूर्व सांसद रमाकांत यादव (फिलहाल विधायक) के चुनाव लड़ने की संभावना थी। लेकिन राजनीतिक पंडितों के इस चर्चे को विराम लगाते हुए अखिलेश यादव ने सभी को हैरान कर दिया।