अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने मवाना में 1857 के नायक Hero of 1857 अमर शहीद क्रांतिकारी धन सिंह गुर्जर Kotwal Dhan Singh Gurjar की प्रतिमा का अनावरण किया
यूपी80 न्यूज, मवाना
“यदि महान क्रांतिकारी शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर Kotwal Dhan Singh Gurjar 1857 की क्रांति में सफल हो गए होते तो भगत सिंह Bhagat Singh को फांसी का फंदा नहीं चूमना पड़ता।“ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने मंगलवार को मेरठ Meerut के मवाना में क्रांतिकारी शहीद कोतवाल धन सिंह गुर्जर Kotwal Dhan Singh Gurjar की प्रतिमा का अनावरण करते हुए यह बात कही।

मवाना के नवजीवन डिग्री कॉलेज में अतुल प्रधान द्वारा महासभा का आयोजन किया गया। अखिलेश यादव ने एकत्र विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस देश में व्यापार के लिए ईस्ट इण्डिया कम्पनी आई थी, जो ब्रिटेन में पारित एक कानून से सरकार बन गई। उसने देश को आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से बहुत नुकसान पहुंचाया। आज भाजपा देश में कम्पनी शासन थोपने का वैसा ही प्रयास कर रही है। देश की आजादी के बाद राजनीति और व्यापार का ऐसा तालमेल कभी नहीं देखा गया।
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श्री यादव ने कहा कि जनता मंहगाई, बेरोजगारी से परेशान है। भाजपा ने अपने आंख-कान बंद कर रखे हैं। उसे जनता की तकलीफ नहीं दिखाई-सुनाई दे रही है। भाजपा देश को नफरत की राजनीति की ओर ले जा रही है जबकि समाजवादियों ने हमेशा समाज की एकता और देश को आगे बढ़ाने का काम किया है।
देश का किसान जाग गया है:
अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों ने पूरे देश को जगाने का काम किया है। आज देश का किसान जाग गया है। किसानों को फसलों की एमएसपी नहीं मिली। गन्ना किसानों को बकाया नहीं मिला। गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया गया। भाजपा झूठे वादे करती रही है। किसानों के आंदोलन को भाजपा बदनाम कर रही है। उसने पेट्रोल-डीजल मंहगा कर दिया है परन्तु किसान की फसल सस्ती है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही है। बैंक डूब रहे हैं। अगर खेती बर्बाद हो गई, नौजवानों को नौकरी नहीं मिली तो देश कैसे आगे बढ़ेगा? विश्व गुरू कैसे बनेगा?
बंगाल चुनाव में भाजपा हर हथकंडा अपना रही है:
अखिलेश यादव ने कहा बंगाल का चुनाव देखिए। भाजपा हर हथकंडे अपना रही है। हमें सावधान रहना है। अगर जनता ने भाजपा को बंगाल में हरा दिया और उत्तर प्रदेश से हटा दिया तो वह तीनों कृषि कानूनों को लागू नहीं कर पाएगी। इन कानूनों के लागू होने से किसान खेती पर अपनी मालकियत खो देगा और उसके खेत पर उद्योगपतियों का कब्जा हो जाएगा।