सीबीएसई के नए फरमान को सामाजिक संस्थाओं ने जनविरोधी बताया
नई दिल्ली, 12 अगस्त
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं के लिए परीक्षा शुल्क में 24 गुना तक वृद्धि कर दी है। अब अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के छात्रों को 24 गुना अधिक धनराशि जमा करनी होगी, जबकि सामान्य वर्ग के छात्रों को 2 गुना ज्यादा धनराशि देनी होगी।
नए नियम के तहत एससी-एसटी वर्ग के छात्रों को पांच विषय के पेपर के लिए 50 रुपए की जगह 1200 रुपए (24 गुना) शुल्क जमा करना होगा। अतिरिक्ति पेपर के लिए इन छात्रों को 300 रुपए अलग से देने होंगे।
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जबकि सामान्य वर्ग के छात्रों को 750 रुपए की जगह 1500 रुपए शुल्क देना होगा। सामान्य वर्ग के छात्रों को भी अतिरिक्त पेपर के लिए 300 रुपए देने होंगे। बोर्ड ने यह भी आदेश दिया है कि यदि किसी स्कूल में पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो वहां छात्रों से अतिरिक्त शुल्क वसूला जाय।
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उधर, संयुक्त अनुसूचित जाति/जनजाति शिक्षक मंच के संस्थापक एवं सुप्रीमो राम किशन पुनिया ने सीबीएसई के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई का यह फैसला जनविरोधी एवं समाज के गरीब तबके के विकास में बाधक है। बोर्ड को इस जनविरोधी फैसले को तत्काल वापस लेना चाहिए।