कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का आरपीएन सिंह पर निशाना- जिसे अपनी जाति से शर्म आए, वह पिछड़ों का नेता नहीं हो सकता है।
यूपी80 न्यूज, लखनऊ
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस का हमला जारी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरपीएन सिंह पर हमला करते हुए कहा है कि वे राजा-महाराजा हैं, उनका मेरे जैसे छोटी बिरादरी के ग़रीब आदमी का कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनना रास नहीं आ रहा था, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ये नयी कांग्रेस है जिसमें संघर्ष करने वाले ही रह सकते हैं। उत्तर प्रदेश के जमीनी मुद्दों पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ हजारों कार्यकर्ता जुटे रहे, लाठियां खाई, जेल गए, मुकदमें झेले। वे खुद कई बार जेल गये, लेकिन आरपीएन सिंह कभी सड़क पर नहीं दिखे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू ने कहा कि अब ये अफवाह फैलायी जा रही है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी जा रहे हैं लेकिन उनके ख़ून के हर क़तरे पर कांग्रेस पार्टी का अहसान है जिसने एक ग़रीब घर के बेटे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। वे मरते दम तक राहुल गांधी के सिपाही बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि अति पिछड़े, गरीब, किसान, मजदूर के बेटे को कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया, इसलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया?
मुझे आंदोलन करने से रोकते थे आरपीएन सिंह: लल्लू
अजय कुमार लल्लू ने आरोप लगाया कि वर्ष 2013 में जब आरपीएन सिंह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री थे, एक गरीब कांग्रेस कार्यकर्त्ता को तमकुही राज में पुलिस ने बुरी तरह मारा-पीटा। जब मैंने इस घटना के विरोधस्वरूप आंदोलन शुरू किया, तो आरपीएन सिंह मुझ पर लगातार दबाव बनाते रहे कि आप लड़ाई मत लड़ो, संघर्ष मत करो, लेकिन मैंने लड़ाई लड़ी। 2015 में समाजवादी पार्टी की सरकार में गन्ना किसानों के मुद्दे पर आंदोलन को लेकर जेल गया। कांग्रेस पार्टी ने आरपीएन सिंह को बहुत कुछ दिया, मंत्री बनाया, सम्मान दिया, लेकिन बतौर पार्टी नेता, वह न तो वह मुझसे मिलने जेल में आए, न कोई आंदोलन किया और न ही कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी की।
आरपीएन सिंह को आज पिछड़े क्यों याद आ रहे हैं?
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज आरपीएन सिंह को सैंथवार और पिछड़े वर्ग की याद आ रही है, लेकिन सच यही है कि वह अपने को क्षत्रिय के रूप में पेश करते रहे हैं। जिसे अपनी जाति से शर्म आए, वह पिछड़ों का नेता नहीं हो सकता है। उनको चिढ़ इस बात से है कि एक मद्धेशिया, कांदू परिवार, जो नमक बेचते हैं, चाय-पकौड़ी-समोसा बेचते हैं, जो भूजा-मूंगफली बेचते हैं, उस परिवार, समुदाय का बेटा अध्यक्ष बन गया।