नोटिस मिलने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश
यूपी80 न्यूज, चोपन/सोनभद्र
स्थानीय प्रीतनगर क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को रेलवे द्वारा अब पंजीकृत डाक से नोटिस भेजकर जमीन खाली करने को कहा जा रहा है। नोटिस मिलने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश एवं हड़कंप मचा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पांच–छह दशक बाद रेलवे को अब यहां अपनी जमीनों की सुध आई है और अब वह 1960-70 के दशक में खरीदी गई जमीनों को तलाशने की कवायद में जुटा हुआ है। विकास के दौर में रेलवे यहां विस्तारीकरण की कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाना चाह रहा है। इनका कार्य भी प्रगति पर है, लेकिन विकास के लिए भूमि की कमी आड़े आ रही है।
प्रीतनगर क्षेत्र में पिछले कई दशकों से रह रहे लोगों ने अपने जीवन भर के खून-पसीने की कमाई जोड़-जोड़ कर अपना मकान बनाया है, जिसमें सैकड़ों परिवार रह रहे हैं और रोजी-रोजगार चला रहे हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी भारी संख्या में लोगों के आवास बने हुए हैं।
मुख्य बाजार से प्रीतनगर तक की पूरब पटरी में इन्हीं जमीनों के अधिकांश हिस्से को रेलवे कागजों में अपना बता रही है। पूर्व में कई बार स्थानीय रेल अधिकारी दल बल के साथ इन जमीनों को अपना बताते हुए 1962 के अपने नक्शे के मुताबिक मौजूदा रहवासियों को अतिक्रमणकारी करार देते हुए उन्हें भूमि खाली करने की नोटिस दे रहे थे, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
जानकार बताते हैं कि वर्तमान में रेलवे के कागजातों और राजस्व विभाग के भू अभिलेख कागजातों में भारी अंतर है। रेलवे के जिन कागजातों में यहां रेल भूमि है, वहीं राजस्व विभाग के भू अभिलेखों में रहवासियों की रजिस्ट्रीशुदा जमीने हैं। रहवासी अपनी जमीन किसी भी हालत में छोड़ने को तैयार नहीं है। कई बार मयफोर्स दल बल के साथ गए रेल अधिकारियों को भारी जन विरोध के चलते बैरंग वापस लौटना पड़ा है। अब रेल अधिकारी अपना कानूनी पक्ष मजबूत करते हुए एक बार फिर रहवासियों को अवैध अतिक्रमण की नोटिसें पंजीकृत डाक से भेज रहे हैं जो लोगों को मिलनी शुरू हो गई हैं। इस संबंध में प्रीतनगर रहवासियों के अधिवक्ता अमित सिंह ने कहा कि रेलवे की नोटिस कानूनी रूप से ही अवैध है। उनकी नोटिस में ना तो पत्रांक, दिनांक और ना ही किसी आराजी नम्बर का जिक्र है, उपर से भेजने वाले का न तो नाम है और ना ही पदनाम की मोहर ही है। जिन ज़मीनों को रेल विभाग अपना कह कर खाली करने की नोटिस दे रहा है, वर्तमान अभिलेखों में भी उनके नाम पर दर्ज नहीं है, जो लोग आज़ादी के बाद से ही भूमिधर है उनको भी नोटिस दिया जा रहा है प्रीतनगर के लोगों के हितों के लिए कानूनी लड़ाई अंतिम दम तक लड़ी जाएगी। मौके पर पहुंचे चोपन चेयरमैन प्रतिनिधि उस्मान अली ने कहा कि प्रीतनगर के रहवासियों की हर तरह से मदद की जाएगी और नगर को उजड़ने नहीं दिया जाएगा। इस मौके पर सोनांचल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मिश्रा, सभासद रूपा देवी, सभासद सर्वजीत यादव, सावित्री देवी, मोम बहादुर, दीना सेठ, सत्तू श्रीवास्तव, जहांगीर खान, दिलीप सिंह समेत सैकड़ों लोग बाग मौजूद रहे।