राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग National commission for scheduled castes ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी की, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर Bhim Army Head Chandrashekhar Azad Ravan ने कहा- दलितों के हक छीनने से बाज नहीं आती बीजेपी-कांग्रेस BJP-Congress
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
पंजाब में हाल ही में कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह Capt Amrinder Singh सरकार द्वारा 24 पीपीएस अधिकारियों को आईपीएस IPS बनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। देश में सर्वाधिक दलित Most Dalit population आबादी पंजाब में होने के बावजूद सूची में एक भी दलित अधिकारी का नाम न होने से कांग्रेस सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग NCSC ने इस मामले में पंजाब सरकार को नोटिस भेज कर अगले 15 दिनों में रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। आयोग की माने तो प्रमोशन में आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया। इस मामले में भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण Bhim Army Head Chandrashekhar Azad Ravan ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर हमला बोला है।
बता दें कि पंजाब सरकार ने 24 पीपीएस अधिकारियों का प्रमोशन किया है। लेकिन इस सूची में एक भी दलित वर्ग के अधिकारी को शामिल नहीं किया गया है। एक अधिकारी ने इस मामले में प्रमोशन में भेदभाव का आरोप लगाते हुए आयोग से शिकायत की थी। अधिकारी की शिकायर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पंजाब के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को नोटिस भेजा है। आयोग ने सभी अधिकारियों से मामले की जांच कर अगले 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
आयोग के चेयरमैन विजय सापला ने कहा है कि सरकारी नौकरी में प्रमोशन को नजरअंदाज करना भारतीय संविधान के अनुसार कानूनन अपराध है। इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ आयोग सख्त कार्रवाई करेगा।
जातिवादी प्रोमोशन लिस्ट को तत्काल रद्द किया जाए:
उधर, इस मामले में भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद रावण ने भी कांग्रेस को घेरते हुए कहा है,
“हाल ही में पंजाब सरकार ने 24 PPS अफसरों को IPS के रूप में प्रोमोट किया है, पर इनमें एक भी दलित नहीं है। जबकि पंजाब में करीब 32% दलित हैं। बीजेपी-कांग्रेस कहीं भी सत्ता में हों, दलितों के हक छीनने से बाज नहीं आती। इस जातिवादी प्रोमोशन लिस्ट को तत्काल रद्द किया जाए।”
पढ़ते रहिए www.up80.online अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन से ओबीसी, एससी-एसटी का बढ़ेगा प्रतिनिधित्व