संसद के मानसून सत्र में आजमगढ़ के सांसद दिनेश लाल यादव ने भी की है मांग
आइने अकबरी में भोजपुरी को बक्सरी जबान से संबोधित किया गया है
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
संसद में मानसून सत्र के बीच भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए भोजपुरी जन जागरण अभियान (Bhojpuri Language Recognition Movement) द्वारा सोमवार को जंतर-मंतर पर 17 वां एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का को आयोजन किया गया। इस धरना का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष डॉ.संतोष पटेल ने किया। धरना के समापन के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को ज्ञापन दिया गया।

इस धरना प्रदर्शन में देश के विभिन्न प्रदेशों से आए लोग भाग लिए। भोजपुरी जन जागरण अभियान के अध्यक्ष संतोष पटेल ने कहा कि भोजपुरी को पूरे दुनिया ने मान लिया तथा मॉरिशस तथा नेपाल में मान्यता मिल गया है, जबकि मारिशस की सरकार ने यूएन में भोजपुरी के गीत-संगीत को मान्यता दिलाया। लेकिन दु:ख की बात है कि भारत सरकार इसको कोई महत्व नहीं दे रही है। संसद के मौजूदा सत्र में आजमगढ़ के नवनिर्वाचित भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव द्वारा शून्यकाल में भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग का स्वागत किया गया।
मनोज कुमार सिंह ने इसके पुरातन होने की बात कहते हुए बताया कि भोजपुरी को आइने अकबरी में बक्सरी जबान के नाम से संबोधन किया गया है। पुष्कर कुमार ने अपने भोजपुरी आंदोलन गीतों से सरकार से मांग किया।

धरना में झारखंड से रामजन्म मिश्रा, बिहार से डॉ. विश्वजीत, दिल्ली से देवेन्द्र कुमार, प्रमेन्द्र कुमार सिंह, आरा से डॉ. पुष्कर, दिल्ली से नवीन देसवाल सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया तथा सभी ने एक सुर में सरकार से भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता हेतु आवाज उठाई।
आज का धरना क्लियर नामक संस्था के साथ किया गया, जिसमें अन्य भाषा जैसे कोसली, मुंडारी, हो, कोडवा, बागुरु, अंगिका आदि भाषा के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।