नीति आयोग के सीईओ ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को लिखा पत्र
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर
मोदी 2.0 राज में देश के रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के निजीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन ‘तेजस’ को हरी झंडी देने के बाद अब 150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों का निजीकरण किया जाएगा। इस बाबत नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव को पत्र लिखा है।
अमिताभ कांत ने अपने पत्र में कहा है, “जैसा कि आप जानते हैं कि रेल मंत्रालय ने पैसेंजर ट्रेनों के संचालन के लिए निजी ट्रेन ऑपरेटरों की सेवा लेने का फैसला किया है। पहले चरण में 150 ट्रेनों को लेने का फैसला किया है।” इसके अलावा नीति आयोग ने 50 रेलवे स्टेशनों के निजीकरण के लिए भी केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है।
यह भी पढ़िये: स्वामी ने नीतीश कुमार को दी चेतावनी, “राजनीति करनी है तो बिहार में ‘छोटा भाई’ बनिए”
समिति का होगा गठन:
अमिताभ कांत का कहना है कि इन प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए विशेषज्ञों, सदस्यों, रेलवे बोर्ड के इंजीनियर की एक समिति का गठन किया जाएगा।
बता दें कि पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन ‘तेजस’ को हरी झंडी दिखाकर लखनऊ से नई दिल्ली के लिए रवाना किया था।
यह भी पढ़िये: ‘वोट हमारा- राज तुम्हारा नहीं चलेगा’ की राह पर मायावती
इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ता एवं समाजिक सरोकार से जुड़े अधिवक्ता नंद किशोर पटेल कहते हैं, “सरकार का यह फैसला दुर्भाग्यूपूर्ण है। किसी भी संस्थान का निजीकरण करना समस्या का निदान नहीं है, केंद्र सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।” कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अनूप पटेल ने इस दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार पूरी तरह पूंजीवादियों के हाथ की कठपुतली हो गई है। मोदी सरकार का सामाजिक सरोकार से कोई-लेना देना नहीं है।