यूपी 80 न्यूज, वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी Narendra Modi ने आज वाराणसी Varanasi लोकसभा क्षेत्र से नामांकन Nomination पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर उनके नामांकन में 12 राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत कई अन्य केन्द्रीय मंत्री भी वाराणसी में मौजूद थे। नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री के साथ बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे।
मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार मैदान में हैं। दो बार उन्होंने वाराणसी लोकसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की है। नामांकन से पहले पीएम मोदी अस्सी घाट पर पूजा की। इसके बाद काल भैरव मंदिर में दर्शन किया। काल भैरव को शहर के कोतवाल के नाम से जाना जाता है।
पीएम मोदी यहां से सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और नामांकन दाखिल किया।यहां पीएम मोदी के चार प्रस्तावक भी थे, जिसमें पंडित गणेश्वर शास्त्री, बैजनाथ पटेल, लालचंद कुशवाहा और संजय सोनकर शामिल हैं।
पंडित गणेश्वर शास्त्री ने ही अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकाला था, ये ब्राह्मण समाज से हैं। बैजनाथ पटेल ओबीसी समाज से आते हैं और संघ के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। लालचंद कुशवाहा ओबीसी समुदाय से हैं। संजय सोनकर दलित समाज से हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं।
कई बार प्रस्तावकों के कारण चुनाव का रुख ही बदल जाता है, जैसा इस बार सूरत लोकसभा सीट पर देखने को मिला था। नियमानुसार कोई उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है, तो निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता को उसकी उम्मीदवारी का प्रस्ताव देना आवश्यक होता है।
चुनावों में प्रस्तावकों के बिना किसी उम्मीदवार का नामांकन अधूरा माना जाता है। रिटर्निंग ऑफिसर को प्रस्तावकों के हस्ताक्षर सत्यापित करने होते हैं। अगर संक्षिप्त पूछताछ के बाद रिटर्निंग ऑफिसर यह कहता है कि हस्ताक्षर असली नहीं हैं, जैसा प्रस्तावक ने दावा किया है, तो प्रस्तावकों के कारण भी नामांकन पत्र रद्द किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही इस बार सूरत लोकसभा सीट पर देखने को मिला था, जिसके बाद भाजपा प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया था।