देश में 23 करोड़ से अधिक लोगों की आय 275 रुपए प्रतिदिन से कम है:दत्तात्रेय
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
जहां एक ओर देश के कुछ पूंजीपति दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में टॉप फाइव में शामिल हो गए हैं तो दूसरी ओर देश का गरीब और गरीब होता जा रहा है। “देश में 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।“ यह बात खुद भाजपा का थिंक टैंक कही जाने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है। दत्तात्रेय ने कहा है कि गरीबी एक ‘दानव’ जैसी चुनौती की तरह है।
दत्तात्रेय ने एक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि 23 करोड़ से अधिक लोगों की आय 275 रुपये प्रति दिन से कम है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में चार करोड़ बेरोजगार हैं। श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार हमारे यहां बेरोजगारी दर 7.6 प्रतिशत है। उन्होंने नौकरियों की कमी, उचित शिक्षा, खराब पोषण और स्वच्छ पेयजल की कमी एवं पर्यावरण को लेकर भी चिंता जाहिर की।
इससे पहले भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी गरीबी पर चिंता जताते हुए कहा था कि भले ही भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग गरीबी का शिकार हैं। गडकरी ने कहा था कि देश की बड़ी आबादी भुखमरी, बेरोजगारी, जातिवाद, अस्पृश्यता और मुद्रास्फीति जैसे गंभीर मुद्दों का सामना कर रहा है। देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई और चौड़ी हुई है।
बता दें कि महज डेढ़ महीने पहले भारत के जाने-माने पूंजीपति गौतम अडाणी दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स को भी पीछे छोड़ दिया है।
देश में गरीबी की स्थिति :
वर्ष – कुल आबादी पर गरीबी का परसेंट – गरीबों की आबादी
1973 – 54.9 -32.13 करोड़
1983 -44.5 -32.29 करोड़
1993 – 36 – 32.04 करोड़
2004 – 37.2 -40.72 करोड़
2011 -21.9 -26.98 करोड़
2019 – 20.8 -34.63 करोड़
सोर्स : प्लानिंग कमीशन एवं संतोष मेहरोत्रा