यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
अपने शोध और ज्ञान से विश्व स्तर पर फार्मास्यूटिकल साइंस को नेतृत्व और औषधि विज्ञान को नवीन दिशा देने वाले फार्मा विशेषज्ञ, एम्स जम्मू के अध्यक्ष प्रो. वाईके गुप्ता, एनआईपीइआर हैदराबाद के फाउंडर निदेशक प्रो पीवी दीवान, इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी अध्यक्ष डॉ शिव को, फार्मेसिस्ट फेडरेशन की राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति की संस्तुति पर “फार्मा रत्न -2024” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपसचिव डॉ निखिल सचान को डिस्टिंगिस एकेडमिशियन ऑफ द ईयर 2024 सम्मान प्रदान किया गया।
इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी द्वारा आयोजित 5 दिवसीय आईपीएससीओएन के आयोजन सचिव और फेडरेशन की साइंटिफिक कमेटी के चेयरमैन डा हरलोकेश, फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव, महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि एम्स के निदेशक प्रो एम श्रीनिवास, चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार की अपर निदेशक डा विजया मोटघरे, आयोजन समिति के अध्यक्ष डा डीएस आर्या, महासचिव डा बी काला कुमार समापन समारोह में उपस्थित रहे।
देश विदेश के 1500 से अधिक डेलीगेट्स और 300 से अधिक आमंत्रित शिक्षक फार्मेसिस्ट, भारत के अतिरिक्त 13 अन्य देशों के वैज्ञानिक वक्ता, शोधकर्ता सेमिनार में उपस्थित रहे ।
“आज का शोध, कल की दवा” विषयक पांच दिनों के सेमिनार में लगभग 100 से अधिक शोधकर्ताओं ने चिकित्सा औषधि विज्ञान के क्षेत्र में अपने शोध को प्रस्तुत किया। शोध का प्रस्तुतिकरण किया गया।
इंडियन फार्माकोलॉजिकल सोसायटी की 2 दिवसीय सेमिनार पूर्व कार्यशाला में युवा फार्मा विज्ञानियों, चिकित्सा विज्ञानियों ने शोध के नए नए तरीके सीखे। फार्माकोलॉजी सम्मेलन में लक्षित फार्माकोथेरेपी, नवीनतम वैज्ञानिक खोजों, अत्याधुनिक तकनीकों में नवीन दृष्टिकोणों, सटीक चिकित्सा, नैनोमेडिसिन आदि में प्रगति को उजागर किया गया। फार्मास्यूटिकल विज्ञान में एआई अनुप्रयोगों, दवाओं का तर्कसंगत उपयोग और रोगी-केंद्रित उपचारों पर विशेष जोर दिया गया। सम्मेलन के सार के रूप में यह कहा जा सकता है कि ‘अनुसंधान’ दवा विकास को नया रूप दे रहा है, नैदानिक परीक्षणों को अनुकूलित कर रहा है और चिकित्सीय परिणामों में सुधार कर रहा है, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में भविष्य की नवीन औषधियां विकसित होंगी।